Total Users- 1,048,624

spot_img

Total Users- 1,048,624

Tuesday, July 15, 2025
spot_img

छत्तीसगढ़ : मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई, 15 राज्यों का नेटवर्क टूटेगा

पड़ोसी राज्यों के सहयोग से छत्तीसगढ़ के नशीले नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई तेज होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चार सूत्रों के अनुसार राज्य में मादक पदार्थों की पहचान करने, उनके नेटवर्क को नष्ट करने, अपराधियों की धड़पकड़ करने और नशे के आदी लोगों के पुनर्वास की नीतियों को मजबूत करने की योजना बनाई जाएगी।

माना जाता है कि इसी नीति के कारण राज्य में मादक पदार्थों के अवैध कारोबारियों की गिरफ्तारी तेज होगी और राज्य से गुजरने वाले 15 राज्यों से अधिक के मादक पदार्थों की सप्लाई का नेटवर्क भी तोड़ा जा सकेगा। छत्तीसगढ़ पिछले कुछ वर्षों से गांजा, अफीम और अन्य सूखे नशे की चीजों के निर्यात में अग्रणी रहा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदेश के रास्ते से आसपास के पड़ोसी समेत अन्य राज्यों से नशे की सप्लाई की जा रही है। राज्य के आंकड़ों को देखें तो पिछले पांच साल में गांजा तस्करी, ड्रग्स समेत सूखे नशे के 5,058 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसमें 7638 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें सबसे अधिक गांजे के अवैध कारोबार पर कार्रवाई हुई है। इनमें सबसे ज्यादा गांजा की तस्करी के मामले हैं।

छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले नशे के कारिडोर का नशे का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, आंधप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर तक है। बताया जाता है कि करोड़ों रुपये के इस नशे के कारोबार में कोई एक एक आदमी या समूह नहीं, बल्कि ओडिशा और आंध्र के कई गांव के गांव शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में गांजा समेत अन्य नशे की चीजों के तस्करी का मुख्य रास्ता बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है। ओडिशा का मलकानगिरी पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में गांजा की खेती होती है। इसके बाद यहां से सप्लाई की जाती है। बतादें कि मलकानगिरी से छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश तीन राज्यों की सीमा जुड़ी हुई है।

spot_img

More Topics

इसे भी पढ़े