समय-समय पर हेल्थ चेकअप और ब्लड टेस्ट जरूर करवाने चाहिए। ऐसा करने से किसी भी बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ा जा सकता है। लेकिन कई बार लोग टेस्ट की कीमत से घबरा जाते हैं क्योंकि कुछ मेडिकल टेस्ट काफी महंगे होते हैं। हालांकि ब्लड टेस्ट आमतौर पर काफी सस्ते होते हैं और इनसे शरीर की कई अहम बातें पता चलती हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि सिर्फ ब्लड टेस्ट से पूरे शरीर का हाल नहीं जाना जा सकता, लेकिन ये सच नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ब्लड टेस्ट से कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों के संकेत भी मिल सकते हैं।
फुल थायराइड पैनल-यह टेस्ट खासतौर पर महिलाओं के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। डॉ. शिल्पा के अनुसार, आमतौर पर लोग सिर्फ TSH (थायरॉयड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन) की जांच कराते हैं, लेकिन यह काफी नहीं है। थायराइड की सही स्थिति जानने के लिए Free T3 और Free T4 की जांच भी जरूरी होती है। इन तीनों वैल्यू के आधार पर ही सही नतीजा निकलता है कि आपकी थायराइड ग्लैंड सही काम कर रही है या नहीं। थायराइड की गड़बड़ी से वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना और मूड स्विंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
इंफ्लामेटरी मार्कर -यह टेस्ट बताता है कि आपके शरीर में सूजन (इंफ्लामेशन) कितनी है। अगर शरीर में लंबे समय तक सूजन बनी रहती है, तो उसे क्रॉनिक इंफ्लामेशन कहा जाता है, जो कई बीमारियों की जड़ हो सकती है। कई रिसर्च में पाया गया है कि बढ़े हुए इंफ्लामेटरी मार्कर्स कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। हालांकि शरीर में सूजन के कई कारण हो सकते हैं, इसलिए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
एडवांस्ड लिपिड प्रोफाइल -यह टेस्ट आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल और फैट से जुड़ी जानकारी देता है। इसमें ये चीजें शामिल होती हैं LDL (Bad Cholesterol), HDL (Good Cholesterol), ट्राइग्लिसराइड्स, टोटल कोलेस्ट्रॉल, अगर इनकी मात्रा खून में ज्यादा हो जाती है तो इसका सीधा असर दिल की सेहत पर पड़ता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है।
मेटाबॉलिक पैनल-यह टेस्ट शरीर में शुगर लेवल और मेटाबॉलिज्म की स्थिति बताता है। इसमें शामिल होते हैं HbA1c (3 महीने की शुगर की स्थिति), फास्टिंग ब्लड शुगर, पीपी शुगर (खाने के बाद), इंसुलिन रेजिस्टेंस टेस्ट, इन टेस्ट से यह पता चलता है कि आपको डायबिटीज होने का खतरा है या नहीं, और आपका शरीर इंसुलिन को कितनी सही तरह से उपयोग कर पा रहा है। आजकल मेटाबॉलिक डिसऑर्डर तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह टेस्ट बेहद जरूरी है।
हॉर्मोन पैनल -हॉर्मोन हमारे शरीर में बहुत से कामों को नियंत्रित करते हैं, जैसे नींद, भूख, मूड, और प्रजनन क्षमता। 30 की उम्र के बाद हॉर्मोनल बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे कई दिक्कतें हो सकती हैं जैसे थकान, तनाव, वजन बढ़ना, पीरियड्स में गड़बड़ी (महिलाओं में) इस पैनल में ये टेस्ट होते हैं टेस्टोस्टेरोन, फ्री टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्राडिओल, एस्ट्रोन, प्रोजेस्टेरोन। ये टेस्ट पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।
30 की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में इन 5 ब्लड टेस्ट को नियमित रूप से करवाना बेहद जरूरी है। ये न केवल आपकी सेहत को ट्रैक करने में मदद करते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों से समय रहते बचाव भी कर सकते हैं।