सांस फूलना एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को पर्याप्त हवा न मिलने जैसा महसूस होता है या सांस लेने में बहुत कठिनाई होती है। यह एक असहज और कभी-कभी डरावना अनुभव हो सकता है। यह सामान्य शारीरिक परिश्रम, अत्यधिक तापमान, खराब वायु गुणवत्ता या मोटापे के कारण हो सकता है, लेकिन अगर यह अचानक या धीरे-धीरे बदतर हो रहा है तो यह एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
यहाँ सांस फूलने के घरेलू उपचार, कारण और लक्षण दिए गए हैं:
सांस फूलने के लक्षण:
सांस फूलने के लक्षण उसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण हैं:
सांस लेने में कठिनाई: ऐसा महसूस होना कि पर्याप्त हवा नहीं मिल रही है।
छाती में कसावट: छाती में जकड़न महसूस होना।
तेज सांसें: सामान्य से अधिक तेज या उथली सांस लेना।
घबराहट या चिंता: सांस फूलने के साथ चिंता या घबराहट महसूस होना।
चक्कर आना या बेहोशी: ऑक्सीजन की कमी के कारण चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना।
खांसी: यदि कारण सर्दी या छाती का संक्रमण है, तो खांसी भी हो सकती है।
बलगम: फेफड़ों में बलगम का जमाव।
गर्दन या छाती में दर्द: कुछ मामलों में गर्दन या छाती में दर्द भी हो सकता है।
थकान: अत्यधिक थकान महसूस होना।
साइनोसिस: त्वचा, विशेषकर मुंह के आसपास, का नीला पड़ना (गंभीर मामलों में)।
सांस फूलने के कारण:
सांस फूलने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ गंभीर होते हैं:
फेफड़ों की समस्याएं:
अस्थमा (दमा): वायुमार्गों में सूजन और संकुचन के कारण सांस लेने में दिक्कत।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज : फेफड़ों की एक पुरानी बीमारी जो सांस लेने में परेशानी पैदा करती है (जैसे ब्रोंकाइटिस, एम्फिसीमा)।
निमोनिया: फेफड़ों में संक्रमण।
पल्मोनरी एम्बोलिज्म: फेफड़ों में रक्त का थक्का।
फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस : फेफड़ों के ऊतकों में निशान पड़ना।
फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप : फेफड़ों की धमनियों में उच्च रक्तचाप।
प्ल्यूरल इफ्यूशन : फेफड़ों के चारों ओर तरल पदार्थ का जमा होना।
हृदय संबंधी समस्याएं:
हृदय विफलता: जब हृदय शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता।
दिल का दौरा
हृदय अतालता : असामान्य हृदय गति।
मायोकार्डियोपैथी : हृदय की मांसपेशी की समस्या।
एलर्जी: कुछ लोगों को किसी पौधे या खाने से एलर्जी हो सकती है, जिससे सांस फूल सकती है।
विदेशी वस्तु का अंदर जाना: बच्चों में अक्सर सांस की नली में कुछ फंसने से सांस फूलने लगती है।
गैस की समस्या: पेट में बनी गैस भी ऊपर की तरफ उठकर सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकती है।
कुछ दवाएं: कुछ दवाएं भी सांस फूलने का कारण बन सकती हैं।
सांस फूलने के घरेलू उपचार:
सांस फूलना एक गंभीर लक्षण हो सकता है, इसलिए यदि यह लगातार हो या गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। हालांकि, हल्के मामलों या डॉक्टर के परामर्श के बाद, कुछ घरेलू उपचार राहत दे सकते हैं:
भाप लेना : यदि सर्दी-जुकाम या बलगम के कारण सांस लेने में दिक्कत हो तो गर्म पानी की भाप लेना बहुत फायदेमंद होता है। इससे नाक की नलियां साफ होती हैं और सांस लेने में आसानी होती है। आप पानी में पुदीना या नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें भी मिला सकते हैं।
अदरक : ताज़ा अदरक या अदरक की चाय का सेवन सांस फूलने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है, खासकर यदि यह श्वसन संक्रमण के कारण हो।
ब्लैक कॉफी : कुछ लोगों को ब्लैक कॉफी पीने से सांस लेने में राहत महसूस होती है। कैफीन श्वसन नली की मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि अधिक कैफीन हृदय गति बढ़ा सकता है।
शहद : रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद का सेवन श्वास नली को साफ करने और खांसी में राहत देने में सहायक हो सकता है।
गहरी सांस लेने का अभ्यास
पेट से सांस लेना : पीठ के बल लेट जाएं या आराम से बैठ जाएं। एक हाथ पेट पर और दूसरा छाती पर रखें। नाक से धीरे-धीरे गहरी सांस लें और पेट को फूलने दें। कुछ सेकंड के लिए सांस रोकें, फिर मुंह से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
होंठ सिकोड़कर सांस लेना: सीधे बैठ जाएं और कंधों को आराम दें। होंठों को सिकोड़कर, जैसे मोमबत्ती बुझा रहे हों, धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। यह सांस की गति को धीमा करता है और चिंता से संबंधित सांस फूलने में विशेष रूप से सहायक है।
आरामदायक स्थिति में बैठना/लेटना:
कुर्सी पर आगे की ओर झुककर बैठना, खासकर किसी मेज या सहारे के साथ।
दीवार के सहारे खड़े होकर वायुमार्ग को आराम देना।
तकियों के सहारे सिर और पैरों को ऊपर उठाकर लेटना।
पंखा : कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नाक और चेहरे पर हवा का प्रवाह सांस फूलने की अनुभूति को कम कर सकता है।
धूम्रपान छोड़ें और प्रदूषण से बचें: धूम्रपान और प्रदूषकों के संपर्क में आने से वायुमार्ग में जलन होती है और सांस फूलने की समस्या बढ़ सकती है।
स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन या मोटापा फेफड़ों पर दबाव डाल सकता है और सांस फूलने का कारण बन सकता है।
कब डॉक्टर को दिखाएं:
कब डॉक्टर को दिखाएं:
यदि आपको अचानक गंभीर सांस फूलने की समस्या हो, छाती में दर्द या दबाव हो, बेहोशी हो, या सांस फूलने के साथ तेज बुखार और खांसी हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। यदि सांस फूलने की समस्या लगातार बनी रहती है या समय के साथ बिगड़ती जाती है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि इसके अंतर्निहित कारण का पता लगाया जा सके और उचित उपचार किया जा सके।