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Thursday, July 17, 2025
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नाबालिग छात्र का साइलेंट हार्ट अटैक से मौत, क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक ?

बाराबंकी के देवा क्षेत्र में एक दुखद घटना घटी है, जहां स्कूल जाने वाले कक्षा सात के छात्र अखिल की अचानक मौत हो गई। मौत का कारण साइलेंट हार्ट अटैक बताया जा रहा है। अखिल, जो कि जितेंद्र प्रताप सिंह उर्फ सोनू का इकलौता पुत्र था, का अंतिम संस्कार गमगीन माहौल में किया गया। अखिल देवा के घेरी का निवासी था और वह सेंट एंथोनी स्कूल बाराबंकी में पढ़ाई करता था। मंगलवार की सुबह, उसके पिता खुद उसे स्कूल छोड़ने गए थे। स्कूल के गेट के पास ही अखिल की तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजन उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर गए, लेकिन तब तक अखिल की मौत हो चुकी थी। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण साइलेंट हार्ट अटैक बताया जा रहा है।

साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है?
साइलेंट हार्ट अटैक में आम तौर पर हार्ट अटैक के जैसे स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिल प्रभावित होता है, लेकिन मरीज को कोई दर्द या तकलीफ महसूस नहीं होती। बच्चों में यह अक्सर अचानक शोक या तनाव के कारण हो सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों को मोबाइल और ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो उनके मानसिक तनाव को बढ़ाती हैं।

साइलेंट हार्ट अटैक में आमतौर पर मरीज को सीने में दर्द या सांस लेने में परेशानी नहीं होती जो कि सामान्य हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण होते हैं। इसके बजाय उन्हें सीने में जलन, फ्लू या मांसपेशियों में खिंचाव जैसा महसूस हो सकता है, जिससे कई बार इसे पहचाना भी नहीं जाता।

क्यों बच्चों को इतनी छोटी उम्र में हार्ट अटैक हो रहे हैं?
बच्चों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे गलत खान-पान, बढ़ता तनाव, मानसिक दबाव, मोबाइल और इंटरनेट का अधिक उपयोग, शारीरिक गतिविधि की कमी, और जेनेटिक कारण। आजकल बच्चे बहुत समय मोबाइल और टीवी पर बिताते हैं, जिससे उनकी आंखें और दिमाग थक जाते हैं। तनाव और चिंता की वजह से उनके दिल पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा, सही पोषण न मिलना या जंक फूड का अधिक सेवन भी बच्चों के दिल को कमजोर कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों का ध्यान रखें, उन्हें स्वस्थ आहार दें, नियमित व्यायाम कराएं और उनकी मानसिक सेहत पर खास ध्यान दें।

अखिल की मौत ने एक बार फिर से इस बात पर सवाल उठाया है कि हमारे बच्चों की सेहत और तनाव का सही ध्यान क्यों नहीं रखा जा रहा है। हमें बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देना होगा ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें। साथ ही परिवार, स्कूल और समाज को मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए काम करना होगा।

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