यूके की एक महिला रेबेका स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी, Pseudomyxoma Peritonei) नामक दुर्लभ मेडिकल कंडीशन से जूझ रही हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जो इतनी दुर्लभ है कि लगभग दस लाख लोगों में सिर्फ एक को प्रभावित करती है.
यूके के क्यूम्ब्रिया की एक 39 वर्षीय महिला रेबेका हिंद (Rebecca Hind) के साथ बेहद दर्दनाक घटना घटी. जिसे वह मामूली फूड पॉइचनिंग समझकर नजरअंदाज करती रही, वो बेहद खतरनाक बीमारी थी. महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उनके 13 अंगों को शरीर से निकालना पड़ा. यही नहीं, अब प्रतिदिन 50 से 60 गोलियां खाना, जिनमें दर्द निवारक और हार्मोन थेरेपी भी शामिल है, अब रेबेका की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. इससे सबक लेकर वह अब अन्य लोगों को जागरूक करने का काम रही हैं.
रेबेका स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी, Pseudomyxoma Peritonei) नामक दुर्लभ मेडिकल कंडीशन से जूझ रही हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जो इतनी दुर्लभ है कि लगभग दस लाख लोगों में सिर्फ एक को प्रभावित करती है.
द टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रेबेका को पहली बार दिसंबर 2018 में एक ऑफिस क्रिसमस पार्टी के बाद इसके लक्षण महसूस होने लगे थे. पहले तो उन्हें लगा कि यह फूड पॉइज़निंग है, लेकिन जब उनमें यह लक्षण आठ सप्ताह से अधिक समय तक बने रहे, तो वह चिंतित हो गईं. उन्होंने कहा, डॉक्टरों ने बताया कि मैं इससे काफी हद तक ग्रस्त हो चुकी थी. यह यह दिल तोड़ने वाला था.
अप्रैल 2019 में उन्होंने अपना पहला बड़ा ऑपरेशन करवाया. इसमें उनका अपेंडिक्स, नाभि, छोटा ओमेंटम और 1.6 गैलन से ज्यादा म्यूसिन निकाला गया. इसके बाद उन्हें कीमोथेरेपी के आठ कठिन दौर से गुजरना पड़ा. लेकिन ट्रीटमेंट यहीं खत्म नहीं हुआ.
द मिरर यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2019 में रेबेका का एक और बड़ा ऑपरेशन हुआ, जिसमें उनके पित्ताशय, तिल्ली, बड़ी आंत, गर्भाशय, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय ग्रीवा, मलाशय, पेट और छोटी आंत का हिस्सा, उनके जिगर की सतही परत और डायाफ्राम के दोनों तरफ के हिस्से को हटाया गया.
रेबेका ने PMP से पीड़ित अन्य लोगों की सहायता के लिए GoFundMe कैंपेन भी शुरू किया है. उन्होंने बताया कि सितंबर में वह क्रिस होय के ‘टूर डी 4’ में भाग लेने जा रही हैं, जो एक बाइक इवेंट है जिसका उद्देश्य स्टेज 4 कैंसर के बारे में लोगों के दृष्टिकोण को चुनौती देना है.
पीएमपी एक दुर्लभ म्यूसिनस कैंसर है, जो म्यूसिन नामक एक गाढ़े पदार्थ को स्रावित करके उदर गुहा में फैलता है. यह अक्सर पेट में सूजन, दर्द, मतली और भूख में बदलाव का कारण बनता है. रेबेका के मामले में जब तक इसका ट्रीटमेंट किया गया, तब तक कैंसर पहले ही शरीर में काफी फैल चुका था.