वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के हर हिस्से में विशेष दिशा, स्थान, और व्यवस्था का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे और परिवार के सदस्य खुशहाल रहें। डाइनिंग टेबल, जो परिवार के मिलन और भोजन के लिए महत्वपूर्ण स्थान है, उससे जुड़ी वास्तु शास्त्र की कुछ महत्वपूर्ण बातें यहां दी जा रही हैं:
1. डाइनिंग टेबल की दिशा
- उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West): यह दिशा डाइनिंग टेबल के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस दिशा में डाइनिंग टेबल रखने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
- पूर्व दिशा (East): डाइनिंग टेबल को पूर्व दिशा में रखना भी शुभ माना जाता है। यहां भोजन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है और मानसिक शांति मिलती है।
- दक्षिण दिशा (South): दक्षिण दिशा में डाइनिंग टेबल रखना वास्तु के अनुसार ठीक नहीं है। इससे घर में तनाव और झगड़े बढ़ सकते हैं।
- पश्चिम दिशा (West): पश्चिम दिशा में भी डाइनिंग टेबल रखने से परिवार के बीच सामंजस्य बढ़ता है। हालांकि, यह अन्य दिशाओं के मुकाबले कम प्रभावी होता है।
2. डाइनिंग टेबल का आकार
- डाइनिंग टेबल का आकार वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए। इससे परिवार के सभी सदस्य अच्छे से बैठ सकते हैं और भोजन का आनंद ले सकते हैं।
- गोल या अंडाकार टेबल का प्रयोग भी किया जा सकता है, लेकिन इनका आकार बहुत बड़ा नहीं होना चाहिए।
- तीरछा या असमान आकार वाले टेबल से बचना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता।
3. डाइनिंग टेबल पर भोजन
- भोजन करते समय मुख्य द्वार की ओर मुंह होना चाहिए, और पीठ दीवार या खिड़की की ओर न हो।
- भोजन करते समय, विधिवत बैठकर खाएं और फोन, टीवी या अन्य विक्षेपक चीज़ों से बचें। इससे ध्यान केंद्रित रहेगा और परिवार के बीच अच्छे संवाद होंगे।
- डाइनिंग टेबल पर अच्छी सफाई रखना जरूरी है। अव्यवस्थित टेबल से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।
4. डाइनिंग टेबल पर सजावट
- फल और फूल: डाइनिंग टेबल पर ताजे फल और फूल रखने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
- दीपक या मोमबत्तियां: टेबल पर हल्का दीपक रखना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- ध्यान रखें कि डाइनिंग टेबल पर अत्यधिक सजावट न हो। अधिक सजावट से ऊर्जा का प्रवाह रुक सकता है और एकाग्रता में कमी हो सकती है।
5. बैठने की व्यवस्था
- डाइनिंग टेबल पर बैठने की व्यवस्था का भी वास्तु शास्त्र से गहरा संबंध है। परिवार के प्रमुख व्यक्ति (जैसे माता-पिता) को डाइनिंग टेबल के पूर्व या उत्तर दिशा में बैठना चाहिए।
- बच्चों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बैठाना अच्छा होता है, क्योंकि यह उनकी पढ़ाई और मानसिक विकास के लिए शुभ माना जाता है।
- यदि मेहमान आएं, तो उन्हें पश्चिम या उत्तर दिशा में बैठाना चाहिए।
6. डाइनिंग टेबल की स्थिति
- डाइनिंग टेबल को दीवार से दूर रखना चाहिए, ताकि आराम से बैठने के लिए पर्याप्त स्थान हो।
- टेबल पर कोई भी सीधी बीम या छत की रेखा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
7. डाइनिंग रूम की रंग योजना
- डाइनिंग रूम में हलके और नरम रंग जैसे पीला, हल्का हरा, या क्रीम रंग अच्छे होते हैं, जो परिवार के बीच सामंजस्य बनाए रखते हैं।
- गहरे रंगों का उपयोग, जैसे गहरा लाल या काला, भोजन कक्ष में नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा का कारण बन सकते हैं।
8. डाइनिंग टेबल के पास आइने का प्रयोग
- आइना डाइनिंग टेबल के पास होना चाहिए, लेकिन सीधे टेबल के ऊपर नहीं। ऐसा करने से भोजन में अधिक आनंद आता है, लेकिन अगर आइना सीधे टेबल पर है, तो यह खाना अधिक खाने की प्रवृत्ति उत्पन्न कर सकता है।
9. डाइनिंग रूम का दरवाजा
- डाइनिंग रूम का दरवाजा घर के मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह वास्तु के अनुसार अशुभ होता है। इसे अलग दिशा में रखना चाहिए ताकि परिवार को शांति और समृद्धि मिले।
10. डाइनिंग टेबल पर उपयोगी वस्तुएं
- नमक: डाइनिंग टेबल पर नमक की छोटी सी कटोरी रखना शुभ माना जाता है। यह घर में समृद्धि और सुख-शांति लाता है।
- स्वस्थ भोजन: भोजन को पोषक और ताजे सामान से बनाना चाहिए ताकि परिवार में अच्छे स्वास्थ्य का संचार हो।
निष्कर्ष:
डाइनिंग टेबल और भोजन कक्ष से जुड़े वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके आप घर में शांति, समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं। सही दिशा, आकार और सजावट से न केवल हड्डियों और मांसपेशियों की वृद्धि होती है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है, जो परिवार के सदस्यों को एकजुट बनाए रखती है।