जिला प्रशासन ही नहीं निगम अधिकारी भी नहीं सुन रहे कांग्रेस विधायक की
दुर्ग। राज्य में कांग्रेस की सरकार है और शहर सरकार यानी दुर्ग निगम की सत्ता में भी कांग्रेस ही काबिज है। इसके बाद भी जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी दुर्ग विधायक की नहीं सुन रहे हैं।
मामला दरअसल दुर्ग निगम क्षेत्र की सड़कों पर हुए गड्ढों को भरने का है। दुर्ग विधायक अरुण वोरा बारिश शुरू होने के पूर्व ही शहर की सड़कों पर हुए गड्ढों को भरने लोक निर्माण विभाग और दुर्ग निगम के अधिकारियों को लगातार कह रहे थे। लेकिन अफसर उनकी बात सुनने की बजाए मनमानी पर ही उतर आए।
पोटिया पदमनाभपुर क्षेत्र में सड़क पर हुए गड्ढे की वजह से बुधवार शाम 14 वर्षीय एक मासूम बच्ची कु. मान्या की मौत हो गई। बच्ची की मौत के बाद दुर्ग निगम क्षेत्र के विभिन्ना सड़कों पर हुए गड्डों को लेकर जनता में आक्रोश देखने को मिला।
दरअसल बारिश शुरू होते ही सड़क पर हुए गड्डों को भरा जाना था। दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा ने इस ओर लोक निर्माण विभाग और नगर निगम दुर्ग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया था। वे दोनों विभाग के अधिकारियों को गड्ढे भरने कई बार निर्देशित कर चुके थे। बावजूद अफसरों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।
नगर निगम दुर्ग में कांग्रेस की सरकार है। विधायक अरुण वोरा के पंसदीदा धीरज बाकलीवाल दुर्ग निगम के महापौर है। शहरी सरकार में स्वयं की सत्ता और पंसदीदा महापौर होने के बावजूद निगम के अफसरों ने विधायक के दिशा निर्देशों को दर किनार कर दिया।
14 साल की मासूम की मौत के बाद इसकी चर्चा विपक्षी दल भाजपा ही नहीं शहर की आम जनता के बीच भी है। अमृत मिशन योजना के अधूरे काम,शहर के गली,मोहल्लों में बंद स्ट्रीट लाइट चालू करने,सफाई व्यवस्था सहित अन्य विषयों को लेकर भी विधायक समय-समय पर निगम अधिकारियों को निर्देशित करते रहे हैं लेकिन अधिकांश मामलों में अफसर विधायक की बातों को अनसुनी कर दिए। निगम में विपक्षी दल भाजपा के पार्षद इसे लेकर भी विधायक पर निशाना साधते रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग ने की हद पार
शहर में इन दिनों 64 करोड़ रुपये की लागत से नेहरू नगर से पटेल चौक तक सड़क चौड़ीकरण व सुंदरीकरण का काम चल रहा है। इसके अलावा पुलगांव क्षेत्र में भी सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है। उक्त कार्यों में तेजी लाने खासकर चौड़ीकरण के वायशेप ब्रिज से पटेल चौक तक बंद स्ट्रीट लाइट को चालू करने विधायक लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अधिकारी अशोक श्रीवास को लगातार निर्देशित करते रहे।
बारिश के दिनों में स्ट्रीट लाइट बंद रहने और सड़कों पर हुए गड्ढों की वजह से लोग दुर्घटना का शिकार न हो इसे ध्यान में रखते हुए विधायक अरुण वोरा व्यवस्था बनाने के संबंध में ही निर्देश देते रहे लेकिन विभाग के स्थानीय अधिकारी अपनी मनमर्जी ही करते रहे। अफसर की मनमर्जी का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
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