एनजेसीएस की बार-बार बेनतीजा बैठकों से कर्मचारियों में निराशा
भिलाई। नेशनल ज्वाइंट कमेटी फार स्टील (एनजेसीएस) की बैठकों में बार - बार असफलताओं को देखते हुए बीएसपी वर्कर्स यूनियन भिलाई इस्पात संयंत्र एवं सेल कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से मिलने पहुंचा।
उनसे मिलकर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा कि एनजेसीएस नेताओं की नियत सही नहीं है।साथ ही कहा कि एनजेसीएस को भंग किया जाना चाहिए।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष उज्जवल दत्ता केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मुलाकात कर अब तक हुई बेनतीजा वाली एनजेसीएस की बैठकों की जानकारी देकर उनसे हस्तक्षेप के लिए आग्रह किया। दत्ता ने मंत्री कुलस्ते से अनुरोध किया कि अब केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बिना सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मियों के समस्या का समाधान संभव नहीं होगा।
बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि बार-बार एनजेसीएस की बैठकों से कर्मचारियों में फैली निराशा फैल गई है। अब एनजेसीएस समिति सेल कर्मियों की समस्याओं के समाधान करने के लिए सक्षम नहीं रह गई है।इसलिए इसे भंग किया जाए।
दत्ता ने कहा कि प्रत्येक बैठक की असफलता के बाद लगातार मिल रहे आश्वासन मात्र से भिलाई इस्पात संयंत्र एवं सेल कर्मियों में बहुत निराशा हो रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए ही केंद्र सरकार सीधे हस्तक्षेप कर कर्मियों को राहत दिलाए। तभी कर्मियों को राहत मिल सकती है और उनके रुके हुए मांगे पूरी हो पाएंगी।
विशेष कर ग्रेच्युटी सीलिंग, 39 महीने फिटमेंट एरियर, 58 महीनों का वैरियेबल पर्क्स का एरियर, रात्रि भत्ता एवं सम्मान जनक पदनाम जैसे मुद्दे दिनों दिनों उलझते जा रहे हैं। इसके अलावा पांच साल पहले डिप्लोमा इंजीनियर को जूनियर इंजीनियर पदनाम देने संबंधी इस्पात मंत्रालय के आदेश की भी एनजेसीएस में अवमानना हो रही है।
अभी एनजेसीएस में कोर्ट केस के नाम पर ही समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। कर्मियों के रुके हुए मुद्दों के समाधान की दिशा में कोई सार्थक प्रयास नही किया जा रहा है। विशेष कर युवा कर्मी जो पदनाम की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ रहे है उनको इस आंदोलन को लगातार उलझा कर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे युवाओं में निराशा है जो संयंत्र में कार्य करने की परंपरा कभी नही हो सकती।
केंद्रीय इस्पात मंत्री ने यूनियन के द्वारा रखे गए मुद्दों को गंभीरता से विचार किया तथा सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों के समस्या के शीघ्र समाधान हेतु आश्वस्त किया।
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