MSP गारंटी, GST में छूट- नीति आयोग की बैठक में विपक्ष शासित राज्यों की ऐसी रही मांगें
दिल्ली। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की अहम बैठक रविवार को दिल्ली में हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक की अध्यक्षता की. नीति आयोग की बैठक के दौरान विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उनके राज्यों में आईएएस अफसरों की संख्या बढ़ाने, वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी में छूट, फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, राज्यों को अधिक फंड को आवंटन और सरकारी नीतियों पर राज्यों की भी राय लेने की मांग की.
नीति आयोग की इस बैठक में 23 मुख्यमंत्री, दो उप राज्यपाल और दो एडमिनिस्ट्रेटर शामिल हुए थे. इसमें कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था. वहीं बिहार, तेलंगाना, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक और मिजोरम के मुख्यमंत्री व पुडुचेरी और चंडीगढ़ के राज्यपाल बैठक में नहीं शामिल हुए थे. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों को अधिक गंभीरता से देखना चाहिए. ममता ने बैठक में कहा कि राज्य सरकारों पर कोई नीति नहीं थोपी जानी चाहिए और उन पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र तथा राज्यों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया.
केरल ने की ये मांग
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि केंद्र को संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ नहीं जाना चाहिए और इसकी समवर्ती सूची में सूचीबद्ध विषयों पर राज्यों के परामर्श से कानून बनाया जाना चाहिए. विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार को संविधान की राज्य सूची के मामलों पर कानून बनाने से बचना चाहिए. उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परिषद का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि आवश्यक वस्तुओं पर कर लगाने के निर्णय की समीक्षा करने की आवश्यकता है. विजयन ने अनुरोध किया कि राज्यों को जीएसटी मुआवजा अगले पांच वर्षों के लिए जारी रखा जाए.
बघेल ने भी उठाया टैक्स का मुद्दा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को केंद्र से अपनी मांग दोहराई कि जीएसटी लागू करने से राजस्व में आई कमी के एवज में राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की अवधि पांच साल के लिए बढ़ाई जाए. उन्होंने छत्तीसगढ़ को कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों के बदले मिलने वाली रॉयल्टी की दरों में संशोधन की मांग भी रखी. बघेल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोयला ब्लॉक कंपनियों से अतिरिक्त कर के रूप में एकत्रित राशि का स्थानांतरण और नक्सलवाद के सफाए के लिए राज्य सरकार के व्यय किए 11,828 करोड़ रुपये की भरपाई करना राज्य की मांगे हैं.
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