ब्लास्ट फर्नेस व एसजीपी विभाग सम्मानित
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस एवं एसजीपी विभाग में शिरोमणि पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभाग के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को सम्मानित किया गया।
अप्रेल से जून 2022 तिमाही के लिए प्रबन्धक आर जयराम को पाली शिरोमणि पुरस्कार एवं जुलाई 2022 माह के लिए मास्टर टेक्नीशियन चुन्नाी लाल ठाकुर एवं पी जोतेश्वर राव को कर्म शिरोमणि पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य महाप्रबंधक तापस दासगुप्ता एवं मुख्य महाप्रबन्धक सौम्य तोकदार ने सभी पुरस्कृत विजेताओं को बधाई देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार के उत्कृष्ट कार्य करने प्रोत्साहित किया। समारोह में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एके गणवीर, अरविंद गुप्ता, एके जोषी, राजेश गायकवाड़, आर आनन्द, विकास नशीने, विनोद दास एवं आदित्य नेमा भी उपस्थित थे। संचालन अनुराधा साहा ने किया। आयोजन में मदन मोहन श्रीवास्तव, ममता एवं हसीना बेगम का भी योगदान रहा।
संवैधानिक अधिकारों की दी जानकारी
दुर्ग शहर में शनिवार से महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की गई। विधायक अरुण वोरा ने महतारी न्याय रथ यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की गई है। इस रथ के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस रथ के माध्यम से पूरे राज्य में शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को दहेज प्रताड़ना, टोनही प्रताड़ना, सामाजिक प्रताड़ना से संबंधित कानूनों, महिलाओं के अधिकार जैसे विषयों पर जागरूक किया जाएगा। महिलाओं के लिए बने कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए निश्शुल्क और त्वरित न्याय पाने के लिए सुगमता से महिला आयोग में आवेदन भी कर सकती हैं।
रथ में महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह दी जाएगी। इसमें बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में विभिन्ना कानूनों से संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराया जाएगा।
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