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सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पलायन रोकने प्रशासन ने शुरू की तैयारी

रोजगार गारंटी व मनरेगा के तहत रोजगार मूलक काम प्रारंभ कर ग्रामीणों को देंगे रोजगार।

बिलासपुर। अल्प और खंडवृष्टि ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बिल्हा और मस्तूरी ब्लाक के 208 गांव की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। यहां सूखे की स्थिति बनने लगी है। पलायन रोकने और ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ करने जिला पंचायत के सीईओ को निर्देशित किया गया है। पंचायतों से मनरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिकों के अलावा ग्रामीणों की जानकारी जुटाई जा रही है।

बिलासपुर जिले के दो ब्लाक मस्तूरी व बिल्हा ब्लाक के 208 गांव में अल्प और खंडवृष्टि की स्थिति बनी हुई है। हालांकि शनिवार को दोपहर में तेज बारिश हुई है। मौसम विभाग की मानें तो अभी तीन दिन वर्षा की संभावना बनी हुई है। किसानों को इससे राहत ही मिलेगी। सूखे की स्थिति को टालने के लिए और धान की फसलों को जीवन देने के लिए जल संसाधन विभाग ने रविवार को सुबह आठ बजे खूंटाघाट और घोंघा जलाशय से पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। आठ बजे से नहरों के जरिए पानी छोड़ा जाएगा।

माना जा रहा है कि दोपहर बाद किसानों को सिंचाई के लिए नहर में पर्याप्त पानी आ जाएगा। नहर में पानी छोड़ने के बाद सिंचाई के लिए किसानों के बीच विवाद की स्थिति ना बने इसे लेकर विभाग ने निगरानी भी बैठा दी है। गांव में सरपंचों को जिम्मेदारी दी गई है। किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए उतने ही पानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है जितने कि फसल को आवश्यकता है। पानी का दुस्र्पयोग ना करने की हिदायत भी दी जा रही है।

पलायन रोकने की बनी योजना

सूखे की बन रही स्थिति के बीच दोनों ही ब्लाक के प्रभावित गांवों की ओर प्रशासन की नजर लगी हुई है। स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि गांव से पलायन ना हो। ग्रामीणों को गांव में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की समझाइश दी जाए। जल्द ही इन गांवों में मनरेगा और रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ करने कहा गया है।

जिले में वर्षा की स्थिति

बिलासपुर जिले में चालू खरीफ मौसम में अब तक 627.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जो बीते 10 वर्ष के औसत बारिश 551.1 मिमी से 76.2 मिमी अधिक है। अधीक्षक भू अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे अधिक बारिश 808.6 मिमी बिलासपुर तहसील में और सबसे कम बारिश 410.4 मिमी रतनपुर में रिकार्ड की गई है। इसी प्रकार बिल्हा तहसील में 581.5 मिमी, मस्तूरी में 649.5 मिमी, तखतपुर में 690 मिमी, कोटा में 613.2 मिमी, सीपत में 644.2 मिमी, बोदरी में 658.3 मिमी, बेलगहना में 590 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। जिले की औसत वार्षिक वर्षा 1198.3 मिमी है।

 

 

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