महंगाई पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर नया विवाद, भाजपा के निशाने पर 'काला कपड़ा"
रायपुर। देशभर में महंगाई को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के प्रदर्शन में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेसी नेता काला कपड़ा पहनकर गए थे। अब भाजपा ने इंटरनेट मीडिया पर श्रीराम विरोधी कांग्रेस हैशटैग से कैंपेन शुरू किया है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री ने भी कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि आज न तो ईडी ने कोई कार्रवाई की, लेकिन पता नहीं क्यों कांग्रेसी काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज का दिन कांग्रेस ने इसलिए चुना क्योंकि वह संदेश देना चाहती है कि हम राम जन्मभूमि के शिलान्यास का विरोध करते हैं और अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
शाह के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पलटवार किया है। मरकाम ने कहा कि अपनी अक्षमता छिपाने के लिए अमित शाह धर्म की आड़ लेने लगे हैं। महंगाई के खिलाफ आंदोलन को राममंदिर से जोड़कर उन्होंने गरीबों के जले पर नमक छिड़का है। दिल्ली से शुरू हुए संग्राम का असर छत्तीगसढ़ की राजनीति में भी देखने को मिल रहा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने भी केंद्रीय नेताओं से सुर से सुर मिलाया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पांच अगस्त का दिन ही काले कपड़े पहनने के लिए चुनकर सिद्ध कर दिया कि वह भारतीय संस्कृति, सत्य सनातन धर्म और हिंदू विरोधी है। कांग्रेस ने जीएसटी की तख्तियां दिखावे के लिए इस्तेमाल की। हकीकत में कांग्रेस जीएसटी का विरोध नहीं करती, वह तो जीएसटी काउंसिल में जीएसटी का समर्थन करती है। भगवान राम का अस्तित्व नकारने वाली कांग्रेस को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अयोध्या में जन्मभूमि का सर्वसम्मति से समाधान हो गया।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गलतबयानी कर रही है। भाजपा जब-जब जनहित की आवाज का सामना नहीं कर पाती तो धर्म की आड़ लेकर अपनी खाल बचाती है। कांग्रेस ने मोदी सरकार की मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, खाद्य पदार्थों पर लगाए गए जीएसटी और सेना में अग्निवीर की भर्ती के खिलाफ आंदोलन किया था। देश की जनता ने कांग्रेस के आंदोलन को हाथोंहाथ लिया। लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं। मोदी सरकार और भाजपा संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस की आक्रामक लड़ाई से घबरा गई है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने महंगाई के खिलाफ आंदोलन को धर्म से जोड़कर देश के 135 करोड़ लोगों की परेशानियों का माखौल उड़ाने का काम किया है। शाह का बयान भाजपा की असंवेदनशीलता का नमूना है।
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