पाकिस्तान महीने भर में जितनी कारें बेचता है, भारत रोजाना कुछ घंटों में बेच देता है उससे ज्यादा कार
चुनौतियों के बावजूद मार्च 2024 में पाकिस्तान की कार बिक्री में सुधार दिखा। वहीं, भारतीय पैसेंजर व्हीकल बाजार फल-फूल रहा है।
पाकिस्तान की कार की बिक्री में 2023 की अंतिम तिमाही के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सुधार के संकेत मिले हैं। जहां यात्री वाहन की बिक्री 5,000 के निशान से नीचे रही, फिर भी पिछले साल की तुलना में उन्हें थोड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा साझा किए गए मासिक बिक्री आंकड़ों के मुताबिक, देश में यात्री वाहन की बिक्री मार्च 2024 में 7,672 यूनिट रही, जो पिछले साल इसी महीने बिकी यूनिट्स की तुलना में 6.1 की मामूली गिरावट है।
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जबकि दुनिया भर में ऑटोमोबाइल उद्योग बढ़ती इनपुट लागत, कुल मिलाकर मुद्रास्फीति से जूझ रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी खरीदारों को भी हाल के खराब आर्थिक स्थिति, घटती मुद्रा और वाहन खरीद पर हाई टैक्स जैसे अन्य चुनौतियों से निपटना है।
हालांकि, पाकिस्तान और भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की आपस में तुलना नहीं की जा सकती है। लेकिन तेजी से बढ़ते भारतीय पैसेंजर व्हीकल (यात्री वाहन) बाजार को ऐसे समझा जा सकता है कि, सप्लाई चेन प्रतिबंधों, बढ़ती इनपुट लागत जैसी कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 2024 मार्च में देश में 3.69 लाख से ज्यादा कारें बेची गईं।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, घरेलू यात्री वाहन की बिक्री मार्च में 3,69,381 यूनिट तक पहुंच गई। इन आंकड़ों के मुताबिक रोजाना 12,000 से ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। यह पिछले साल इसी महीने बिकीं 3,35,976 यूनिट्स की तुलना में 10 प्रतिशत की खासी बढ़ोतरी भी दर्शाता है।
यह साफ है कि दक्षिण एशिया क्षेत्र में वाहन निर्माताओं के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। और पाकिस्तान बदलते परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने में संघर्ष कर रहा है। वास्तव में, कई प्रमुख निर्माताओं ने इस देश में अपना कामकाज पहले ही बंद कर दिया है। जबकि अन्य के बारे में अफवाह है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे भी निकलने पर विचार कर रहे हैं।
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