भारत के दम से डर गया ड्रैगन! ब्रह्मोस से चीन में खलबली... खौफ की ये है वजह
फ़िलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और ख़राब हो गए जब चीन ने नया नक़्शा जारी किया जिसमें साउथ चाईना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाक़ा बता दिया.
भारत ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को एशियाई देश फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की डिलीवरी की. इसके बाद चीन में खलबली मच गई है.
नई दिल्ली: साउथ चाईना सी और उसके आस पास के देशों को चीन धमकाने से बाज नहीं आता है. साथ ही अपनी एक्स इकॉनोमिक ज़ोन यानी EEZ में भी क़ब्ज़ा करता रहता है. फ़िलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और ख़राब हो गए जब चीन ने नया नक़्शा जारी किया जिसमें साउथ चाईना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाक़ा बता दिया.
इसके तहत फ़िलीपींस के द्वीपों और EEZ का हिस्सा भी आता है और चीन के हिसाब से पर क़ब्ज़ा जताने के लिए फ़िलीपींस, वियतनाम, ताइवान और मलेशिया के समुद्री क्षेत्र पर क़ब्ज़े की संकट बढ़ गया है. चूंकी चीन की नौसेना नंबर के लेहाज से आज दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. एसे में उसे काउंटर करने के लिए भारतीय ब्रह्मोस एक अचूक हथियार से कम नही है और चीन की हिमाक़त से निपटने के लिए फ़िलीपींस ने अपनी नौसेना को और मज़बूत करना शुरू किया है
ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को भेजा गया फ़िलीपींस
चीन को रोकने के लिए फ़िलीपींस ने भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम करार किया है. बता दें कि 374.96 मिलियन डॉलर में तीन मिसाइल बैटरी का करार पिछले साल 2022 में हुआ और शुक्रवार को ब्रह्मोस एंटी शिप सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी भी हो गई. भारतीय वायुसेना के C'7 ग्लोब मास्टर ज़रिए पहली खेप फ़िलीपींस भेजी गई.
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