• 26-04-2024 09:24:50
  • Web Hits

Poorab Times

Menu

सड़क दुर्घटना के बाद तुरंत मौके पर पहुंचेंगे एसडीएम, एसडीओपी

दुर्ग। जिले में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने प्रशासन ने योजना बनाई है। शुक्रवार को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा कि दुर्घटना होने के पश्चात एसडीएम और एसडीओपी दुर्घटना स्थल पर पहुंचेंगे। वे मौके पर पहुंचकर हादसे के कारणों की पड़ताल करेंगे। कारण जानने के साथ ही हादसे की पुनरावृत्ति न हो इसका उपाय भी करेंगे।

शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें बताया गया कि जिले में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जिन जगहों को ब्लैक और ग्रे स्पाट के रूप में चि-ांकित किया गया है, 108 एंबुलेंस का डिप्लायमेंट भी इनके नजदीक ही किया जाएगा।

ताकि दुर्घटना होने की स्थिति में रिस्पांस टाइम और बेहतर हो सके। बैठक में मौजूद कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा तथा एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मेन रोड के किनारे के कुछ स्कूलों में गेट एक ही है और इनमें दोनों पालियों के बीच बमुश्किल पंद्रह मिनट का अंतर होता है।

इससे गेट के पास काफी भीड़ होता है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्कूल में अधिक दर्ज संख्या होने पर एंट्री और एक्जिट के लिए अलग -अलग गेट रखने निर्देशित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में एडीशनल एसपी ट्रैफिक विश्वास चंद्राकर एवं डीएसपी ट्रैफिक गुरजीत सिंह, आरटीओ अनुभव शर्मा भी मौजूद रहे।

दुर्घटनाओं में डेथ की होगी आडिट, रिफर करने का कारण बताना होगा

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की संख्या में कमी लाने के लिए दो तरह से काम करने की जरूरत है। सड़क की तकनीकी त्रुटियों की पड़ताल के साथ दुर्घटना के बाद होने वाला रिस्पांस बहुत अहम है। सबसे पहले तो मौके पर पहुंचने के रिस्पांस टाइम को बेहतर करना है।

उसके बाद अस्पताल पहुंचाने का समय भी न्यूनतम रखना है। हर ब्लैक स्पाट में होने वाली दुर्घटना के लिए नोडल अस्पताल का चि-ांकन होगा। मसलन कुम्हारी में यदि दुर्घटना होती है तो नजदीकी अस्पताल एम्स हो सकता है। कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में सभी सुविधाएं मौजूद हैं और सामान्यतः विशेषज्ञ डाक्टरों की वजह से रिफरल की जरूरत कम ही होती है।

ऐसे में यदि रेफर केस आते हैं तो उसकी गंभीरता से समीक्षा होगी। दुर्घटना में होने वाले हर डेथ की आडिट होगी। बैठक में यह भी कहा गया कि कलेक्टोरेट में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यहां 112 टीम के अधिकारी मौजूद रहेंगे और प्रमुख चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से नजर रखेंगे। जरूरत होने पर त्वरित रिस्पांस कर सकेंगे।

Add Rating and Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment
CAPTCHA

Your Comments

Side link

Contact Us


Email:

Phone No.