टूटने लगी भाषा की मर्यादा, दिलीप घोष के बाद बंगाल भाजपा के एक और बड़े नेता के बिगड़े बोल
आशिका सिंह
लोकसभा चुनाव के शुरुआत में ही सभी दलों की ओर से भाषा की मर्यादा तार-तार कर दी गई है. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की ओर से अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा उम्मीदवरा कंगना रनौत के बारे में की गई बेहद अभद्र टिप्पणी का मामला अभी शांत ही नहीं पड़ा था कि पश्चिम बंगाल में जुबानी जंग तेज हो गई. पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश कमेटी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के बारे में बेहद अमर्यादित टिप्पणी की.
इसके बाद उनको भाजपा और चुनाव आयोग की ओर से नोटिस थमाया गया. दिलीप घोष के बयान के जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने भी लक्ष्मण रेखा लांघ दी है. फिर भाजपा के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सुकांत मजुमदार भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने विरोधी दलों के लिए कुत्ता शब्द का प्रयोग कर दिया.
दिलीप घोष ने ये कहकर राज्य का सियासी पारा बढ़ा दिया था कि ममता बनर्जी गोवा जाती हैं तो खुद को वहां की बेटी बताती हैं, कभी त्रिपुरा जाकर खुद को वहां की बेटी बताती हैं, पहले वह तय कर लें कि उनका….. कौन हैं. दिलीप घोष के इस बयान के बाद टीएमसी ने उनकी शिकायत चुनाव आयोग से की. टीएमसी का 10 सदस्यीय दल बुधवार को चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा. वहीं भाजपा की तरफ से दिलीप घोष को मंगलवार को ही इस मुद्दे पर नोटिस भेजा गया था.
दिलीप घोष ने आज इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि उन्हें अपनी भाषा पर दुख है लेकिन वो ये मानते हैं कि मुख्यमंत्री लोगों को भ्रमित करतीं हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि टीएमसी के नेता विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी के इलाके में जाकर उनके पिता को लेकर आपत्तिजनक बात करते हैं. उधर इस बारे में बात करते हुए भाजपा राज्य अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने ये कहकर विवाद छेड़ दिया कि भाजपा में भाषा की गरिमा बनाये रखने की ज़रूरत है क्योंकि विरोधी ‘कुत्ते’ हैं और वे लोग ‘मानुष’हैं.
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