'मनमोहन नीति': ताइवान पर चीन की धमकी का जयशंकर ने दिया करारा जवाब

पूरब टाइम्स / नई दिल्ली: एक चीन नीति को लेकर धमकाने वाले चीन को भारत ने चुप रहकर करारा जवाब दिया है। चीन के कर्ज में डूबे पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों ने ताइवान संकट के बाद जहां 'एक चीन नीति' का जहां खुलकर समर्थन किया है, वहीं भारत ने इस पूरे मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। यही नहीं चीन ने पाकिस्तान जैसे अपने 'आर्थिक गुलामों' के जरिए कोशिश की कि दुनिया में एक माहौल बनाया जाए और 'एक चीन नीति' के लिए खुलकर समर्थन हासिल किया जा सके। भारत ने चीन के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। वहीं भारत ने सीमा को लेकर हो रही बातचीत के संवेदनशील मुद्दे को देखते जी7 देशों की तरह से चीन की आलोचना भी नहीं की है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने चीनी ड्रैगन की दादागिरी को देखते हुए पिछले एक दशक से 'एक चीन नीति' के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि भारत ने बहुत सोच समझकर इस पूरे मामले में कोई बयान नहीं दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आसियान के कार्यक्रम में हिस्सा लिया लेकिन ताइवान संकट पर कोई बयान नहीं दिया। अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि ताइवान मामले पर भारत ने जानबूझकर कोई बयान नहीं दिया है। भारत ने इस पूरे मामले में अमेरिका और ताइवान के बीच तनातनी को देखते हुए किसी विवाद से खुद को बचाया है।
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