मॉनसून में बच्चा नहीं पड़ेगा बीमार, न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से जानें 4 जरूरी टिप्स

हर माता-पिता की दुनिया उनके बच्चों के इर्द-गिर्द ही घूमती है। गर्भ में पलने के समय से लेकर उसके जन्म के बाद तक बच्चे के लिए क्या जरूरी है, उसे किन वजहों से नुकसान हो सकता है, उसे क्या खिलाना है और उसकी परवरिश कैसे करनी है- हर पेरेंट्स दिन के 24 घंटे यही सोचते हैं। कोरोना, मंकीपॉक्स और कई तरह के वायरस के आज बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ गया है और मॉनसून के समय तो ये वायरल बीमारियां ज्यादा ही हावी रहती हैं। ऐसे में पैरेंट्स को बच्चे की इम्यूनिटी की चिंता ज्यादा सताती है। इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से बच्चे बीमारियों की चपेट में जल्दी आते हैं। मौसमी बीमारियों जैसे कि सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और अन्य तरह की एलर्जी से बच्चों को दूर रखने के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर की पर्सनल डायटीशियन और सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं। रुजुता दिवेकर ने अपनी 'सीक्रेट्स ऑफ गुड हेल्थ' नाम की ऑडियो बुक में मॉनसून में बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कुछ खास टिप्स शेयर किए हैं। मॉनसून में आपका बच्चा बीमार न पड़े इसके लिए आप भी इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
ड्राई फ्रूट्स से करें शुरुआत
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर का कहना है कि मॉनसून में बच्चा बीमार न पड़े, इसके लिए दिन की शुरुआत सूखे मेवे से करनी चाहिए। बच्चे को सुबह भीगे हुए बादाम, अखरोट या अन्य ड्राई फ्रूट्स खिलाएं। आप चाहें तो बच्चे के दिन की शुरुआत ताजे फलों के साथ भी कर सकते हैं। सुबह ड्राई फ्रूट्स, नट्स और ताजे फल खाने से बच्चे का एनर्जी लेवल पूरे दिन हाई बना रहता है। ड्राई फ्रूट्स में एंटीऑक्सीडेंट्स, आयरन और प्रोटीन होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने का काम करते हैं।
आंवला है जरूरी
आंवला में विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी चीजें सेहत को काफी फायदा पहुंचाती हैं। रुजुता का कहना है कि मॉनसून में बच्चों को रोजाना आंवला खिलाना चाहिए। आंवला में मौजूद विटामिन सी इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है। आप चाहें तो आंवला का मुरब्बा, शरबत या अचार बच्चे के खाने में शामिल कर सकते हैं।
खेलने का डोज चाहिए रोज
बारिश के मौसम में अक्सर पेरेंट्स बच्चों को बाहर खेलने से मना करते हैं। अगर, बच्चा बाहर खेलने नहीं जा सकता है, तो उसे घर के अंदर ही फिजिकल एक्टिविटी करवाएं। रुजुता का कहना है कि बच्चे को एक दिन में कम से कम 90 मिनट जरूर खेलना चाहिए।
घर का खाना है सबसे ज्यादा जरूरी
आजकल बच्चे घर का खाना खाने से ज्यादा जंक फूड्स को तवज्जो देते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के मौसम में बाहर का खाना खाने से बच्चा बीमार पड़ सकता है। इसलिए हमेशा बच्चे को घर पर बना खाना ही खाने के लिए दें। अगर, आपका बच्चा खाने के साथ केचअप मांगता है, तो उसे घर पर बनाई हुई टमाटर की चटनी दें। बाहर के पिज्जा, बर्गर की बजाय, घर पर बनाया हुआ फ्रेश खाना दें।
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