• 25-04-2024 11:28:40
  • Web Hits

Poorab Times

Menu

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों से की चर्चा

रायपुर. ऑस्ट्रेलिया के अध्ययन दौरे पर गए स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव और अधिकारियों ने आस्ट्रेलिया के जीलोंग शहर के सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल का दौरा कर विशेषज्ञों से चर्चा की। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल में निर्धारित मानकों पर दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल ऑडिट प्रणाली, छात्रों को दिए जाने वाले गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण एवं प्रोटोकॉल के साथ ही गोल्डन ऑवर में मरीज़ को किस तरह से सेवाएँ प्रदान की जाती है, इनका अध्ययन किया। सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने राज्य की टीम को ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी।

वरिष्ठ कॉर्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. जैन ने मेडिकल ऑडिट प्रणाली विकसित करने की आवश्कता पर दिया सुझाव
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंट जॉन गॉड हॉस्पिटल में प्रमुख कॉर्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार जैन से मुलाकात की। पिछले 20 वर्षो से ऑस्ट्रेलिया में सेवा प्रदान कर रहे डॉ. जैन ने बताया की अनुशासन के साथ क्वालिटी और टीम वर्क के आधार पर ही हम अपने अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. से चर्चा के दौरान उन्होंने अस्पतालों में बेहतर स्किल के साथ ही मेडिकल ऑडिट प्रणाली विकसित करने की आवश्कता पर बल दिया। डॉ. जैन ने बताया कि मरीज़ की मृत्यु होने की स्थिति में मल्टीपल और इंडिपेंटेड ऑडिट होना चाहिए। मरीज़ के परिजनों से मेडिकल कन्सेंट के साथ ही फाइनेंसियल कन्सेंट भी लेना चाहिए। सभी मरीजों का फॉलो-अप स्वयं डॉक्टर द्वारा लिया जाना भी सुनिश्चित करना चाहिए जिससे मरीज़ व उनके परिजन बेहतर इलाज के प्रति आश्वस्त हो सकें।

डॉ. जैन ने बताया कि स्नातकोत्तर कर रहे चिकित्सा विशेषज्ञों का सर्जरी के दौरान लॉग बुक एनालिसिस होना चाहिए। इस लॉग बुक का मल्टीपल लेवल पर मूल्यांकन भी होना चाहिए जिससे कि छात्र का आत्मविश्वास कार्य के प्रति हमेशा बना रहे। उन्होंने बताया कि बिना टीम वर्क के सर्जिकल कार्य करना बहुत कठिन है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. जितेंद्र जैन से सेवारत डॉक्टरों को बाहर जाने से रोकने जैसे विषयों पर भी चर्चा की। इस पर डॉ. जैन ने कहा कि डॉक्टर को एक इंडिपेंडेंस और इंसेंटिवाइज्ड मोटिवेशन की जरूरत होती है। मेडिकल क्षेत्र में यह पहले नहीं था, पर अब काफी ज्यादा आ चुका है और इसे सतत बनाए रखने की जरूरत है।

फैमिली फिजिशियन पर हुई चर्चा
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में फैमिली फिजिशियन और जनरल प्रैक्टिशनर के रूप में कार्यरत डॉ. रूपाली जैन से भी चर्चा की। डॉ. रूपाली जैन ने मरीज़ों को जर्नल प्रैक्टिशनर द्वारा जांच के बाद ही चिकित्सा विशेषज्ञ तक पहुंचने की बात कही जिससे कि अस्पतालों में मरीज़ों के लोड को कम किया जा सके। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में दी जाने वाली फैमिली फिजिशियन सेवाओं के महत्व को रेखांकित किया और स्पेश्लिस्ट लिंक के विषय पर राज्य की टीम के साथ अपने अनुभव साझा किए।

Add Rating and Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment
CAPTCHA

Your Comments

Side link

Contact Us


Email:

Phone No.