भाजपा का दावा; 664 गोठान गुम:हर दिन 12-15 हजार कार्यकर्ता मैदान में, 4 दिन में 3984 गोठानों में पहुंचे भाजपाई
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन योजना की हकीकत की पड़ताल के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने 20 मई से पूरे प्रदेश में चलबो गोठान खोलबो पोल अभियान शुरू किया है। इसके तहत हर दिन 300 से अधिक वरिष्ठ नेता अपने 40-50 समर्थकों के साथ गोठानों के निरीक्षण के लिए निकल रहे हैं। इस तरह लगभग 12 से 15 हजार भाजपाई इन दिनों गोठानों की हकीकत की पड़ताल के लिए गांव- गांव जा रहे हैं। केवल तीन दिन में भाजपा नेताओं ने 3984 गोठानों का दौरा पूरा कर लिया है। भाजपा का दावा है कि नेताओं को दौरे में 664 गोठान मिले ही नहीं। ये केवल कागजों पर दर्ज हैं, धरातल पर उनका कहीं अता पता नहीं है। इनमें से अधिकांश गोठान बस्तर और सरगुजा संभाग के हैं। भिलाई, अकलतरा के इलाके में भी कुछ गोठानों के केवल कागजों में चलने का दावा किया जा रहा है। भाजपा अभियान के पूरा होने के बाद इन गोठानों और इनके नाम पर की गई गड़बड़ी का खुलासा करेगी। राज्य सरकार के अनुसार प्रदेश में 10 हजार गोठान स्वीकृत हैं। इनमें से 9790 गोठान बन चुके हैं।
विधानसभा चुनाव तक चलेगा अभियान
गोधन न्याय योजना कांग्रेस सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। योजना में गड़बड़ी मिलने की बात सामने आने के बाद भाजपा अब इस अभियान को विधानसभा चुनाव तक चलाने का प्लान बना रही है। प्रदेश स्तर के नेताओं का अभियान भले ही 24 मई को पूरा हो जाएगा लेकिन जिले और मंडल स्तर पर अभियान चलता रहेगा।
हर नेता को 10'0 गोठान का जिम्मा
भाजपा ने प्रदेश स्तर पर अभियान चलाने के लिए नए व पुराने 422 नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। हर नेता को 10- 10 गोठान जाने का लक्ष्य दिया गया है। इस तरह से 24 मई तक ये सभी नेता 4220 गोठानों का दौरा पूरा कर लेंगे। शेष बचे गोठानों का निरीक्षण जिले व मंडल स्तर पर होगा।
प्रभारी को हर दिन भेजी जा रही रिपोर्ट
नेताओं के दौरे की डेली रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी आेम माथुर और सह प्रभारी नितिन नवीन तक भेजी जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चूंकि यह संगठन का प्रोग्राम है इसलिए सभी नेता गोठानों में जा रहे हैं। हर दिन लगभग 300 नेता अपने समर्थकों के साथ गोठानों में पहुंच रहे हैं।
ऐसे जुटा रहे डाटा : भाजपा ने इस अभियान में सोशल मीडिया, आईटी सेल के साथ ही मोर्चा, प्रकोष्ठों के साथ ही पूरी पार्टी को लगा रखा है। नेताओं के दौरे की हैंडलिंग सोशल मीडिया व आईटी की टीम करती है। सोशल मीडिया में अपलोड करने से लेकर प्रभारी व सह प्रभारी तक भेजने के लिए रिपोर्ट भी तैयार की जाती है।
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