एडमिशन के लिए हुए प्री टेस्ट में महज 228 ही पात्र, खाली रह जाएंगी , सीटें प्रदेश में बीएससी नर्सिंग की 6000 सीटें
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प्रदेश में बीएससी नर्सिंग की 6 हजार सीटें हैं, लेकिन इसमें एडमिशन के लिए गए टेस्ट में महज 228 छात्र ही पात्र हुए हैं। इंडियन नर्सिंग काउंसिल यानी आईएनसी के नियमानुसार एडमिशन हुआ तो बाकी सीटें खाली रह जाएंगी। सीटें खाली न रह जाए इसलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आईएनसी को पत्र लिखकर परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल से एडमिशन देने की अनुमति मांगी है। आईएनसी ने अनुमति तो दी, लेकिन हिंदी व अंग्रेजी वर्जन वाले पत्र के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। अंग्रेजी वर्जन के पत्र में परसेंटाइल व हिंदी वर्जन वाले पत्र में परसेंटेज से ही अनुमति देने की अनुमति दी है। इस भ्रम को दूर करने के लिए डीएमई कार्यालय ने आईएनसी को दाेबारा पत्र लिखा है। प्रदेश में 8 सरकारी समेत 108 के आसपास नर्सिंग कॉलेज हैं। व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं ने इसके लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसके लिए 40 हजार ने फार्म भरे थे। 33 हजार छात्रों ने परीक्षा दी, जिसमें केवल 228 छात्र पात्र हुए। दरअसल जनरल केटेगरी के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत, एसटी, एससी व ओबीसी केटेगरी के छात्रों के लिए 40 प्रतिशत व दिव्यांगों के लिए 45 फीसदी अंक अनिवार्य है। इतने कट आफ मार्क्स आने पर ही बीएससी नर्सिंग में एडमिशन के लिए पात्र है। लगातार दूसरा साल है कि इस तरह की परिस्थिति बनी है। ऐसे में डीएमई कार्यालय ने आईएनसी को पत्र लिखना उचित समझा। उम्मीद की जा रही है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल से परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल से एडमिशन की अनुमति मिल जाएगी।
परसेंटाइल से भरेंगी सीटें, नहीं तो 12वीं के आधार पर
बीएससी नर्सिंग की सीटों को भरने के लिए परसेंटाइल के अनुसार एडमिशन देना होगा। तभी सीटें भर पाएंगी। ऐसा नहीं होने पर सीटें खाली रहने की आशंका है। हालांकि पिछले साल आईएनसी ने परसेंटाइल से एडमिशन देने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद भी कई कॉलेजों में बीएससी की सीटें खाली रह गईं थीं। इसके बाद निजी नर्सिंग कॉलेजों ने 12वीं के आधार पर एडमिशन देने की मांग की थी। खाली सीटों में 12वीं बायो के आधार पर एडमिशन दिया गया।
कारण समझ नहीं पा रहे विशेषज्ञ
प्री नर्सिंग टेस्ट में आखिर छात्रों के इतने कम नंबर क्यों आ रहे हैं, विशेषज्ञ समझ नहीं पा रहे हैं। जबकि पिछले साल से पहले से ही नर्सिंग में एडमिशन परसेंटेज के हिसाब से दिया जाता रहा है। दरअसल नर्सिंग ही नहीं अब पीजी व एमबीबीएस में भी परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल से एडमिशन दिया जा रहा है। प्री टेस्ट में कम छात्रों के पात्र होने के कारण इंडियन नर्सिंग काउंसिल को पत्र लिखकर परसेंटेज के बजाय परसेंटाइल के अनुसार एडमिशन की अनुमति मांगी गई है। उम्मीद है कि अनुमति मिल जाएगी। ऐसे में बीएससी नर्सिंग की सभी सीटों को भरने में आसानी होगी।
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