सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी से हैं परेशान? ऐसे करें शिकायत
कानून के मुताबिक रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है। हमारे देश में भ्रष्टाचार से मुक्ति का दावा किया जाता है। कानून और दावा दोनों ही जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे हैं। रिश्वत लेने के मामलों में किसी भी तरह की कमी नहीं दिख रही है। सिस्टम से परेशान लोग सरकारी विभागों में छोटे-छोटे काम करवाने के लिए भी रिश्वत देने को मजबूर हैं। साल 2020 में ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर की रिपोर्ट आई। इसके मुताबिक भारत में एशिया के रिश्वतखोरी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 32 साल पुराने 100 रुपये की रिश्वत वाले मामले में 82 वर्षीय रिटायर्ड रेलवे क्लर्क को एक साल कैद की सजा सुनाई. इसी के साथ बुजुर्ग पर जुर्माना भी लगाया गया।
आइए सबसे पहले समझते हैं कि घूसखोरी क्या होती है?
अगर कोई अधिकारी किसी काम को करने के लिए गैरकानूनी तरीके से पैसे लेता है तो ये घूसखोरी है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 और IPC के सेक्शन 171 के तहत रिश्वत लेना एक दंडनीय अपराध है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के मुताबिक रिश्वत लेना ही नहीं रिश्वत देना भी अपराध है।
अगर कोई आपसे रिश्वत मांगता है तो कहां और कैसे शिकायत करें?
हमसे जब कोई रिश्वत मांगता है तो हम ये जानते हैं कि ये गलत है लेकिन ये नहीं जानते कि रिश्वत मांगने वाले के खिलाफ शिकायत कहां करें और कैसे करें। हमारे देश में भष्ट्राचार के खिलाफ लड़ने के लिए राज्यवर एजेंसियों या ब्यूरो गठित् किए गए हैं. कई राज्यों में एंटी-करप्शन ब्यूरो की स्थापना की गई है. इन विभागों में ऐसे अधिकारियों को नियुक्ति दी जाती है जिन्हें इस तरह के मुद्दों से निपटने के लिए एक्सपर्टिज हासिल है।
आप किसी भी तरह की रिश्वत या भष्ट्राचार के लिए पुलिस में शिकायत कर सकते हैं। एंटी-करप्शन ब्यूरो राज्य कर्मचारियों के मामलों की जांच करता है और हर राज्य की अपनी अलग शाखा होती है, जो सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार के मुद्दे से निपटती है। कई रिश्वत या भष्ट्राचार के ऐसे मामले होते हैं जो राज्य के बाहर के होते हैं या जिसका प्रभाव देश पर पड़ता है तो ऐसे मामलों की जांच सीबीआई भी कर सकती है। अगर आपके साथ कभी कोई भ्रष्टाचार करता है या भ्रष्टाचार करने की कोशिश करता है तो आपको केंद्रीय सतर्कता आयोग को इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए। यह जानकारी शिकायत के जरिए केंद्रीय सतर्कता आयोग के पते पर पत्र के जरिए भेजी जा सकती है।
सतर्कता भवन, ए-ब्लॉक जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए नई दिल्ली- 110 023 पते पर पत्र लिखकर आप अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा आप 011- 24600200 पर कॉल कर भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं वहीं 011- 24651010 या 24651186 पर फैक्स भी कर सकते हैं। आयोग के पास ये अधिकार है कि वो किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच कर सकती है अथवा करवा सकती है। केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 में बना था। केंद्र सरकार के मंत्रालयों के विभाग, सरकार के पब्लिक अंडरटेकिंग, नेशनल बैंक और बीमा कंपनियां आदि इसके जांच के दायरे में शामिल है। भ्रष्टाचार की सूचना देने वाले शख्स की पहचान भी गुप्त रखी जाती है। अगर कोई अधिकारी रिश्वत मामले में दोषी पाया जाता है तो ऐसे मामलों में 1साल से 7 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
छत्तीसगढ़ में कहां और कैसे करे शिकायत
छत्तीसगढ़ में एसीबी तथा ईओडब्ल्यू ने पहल करते हुए टोल फ्री नंबर जारी किया है। शिकायतकर्ता टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही व्हाट्सएप नंबर 8839345960 जारी किया गया है। शिकायतकर्ता यदि उनके पास कोई प्रमाण है और व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी शिकायत भेजना चाहते हैं तो भेज सकते हैं।
इसके अलावा आप अपनी शिकायत ईमेल के माध्यम से इस पते पर (complaintacbeow@gmail.com) भेज सकते हैं। सरकार ने इसके लिए छत्तीसगढ़ी भाषा में ऑफिशियल वेबसाइट (acbeow.cg.gov.in) भी लांच की है। जहां आप एंटी करप्शन ब्यूरो और छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के बारे में विस्तार से जान सकते हैं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अपने शिकायत की स्थिति जान सकते हैं।
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