यूक्रेन को नहीं मिलेंगे F-16 फाइटर बाइडेन नहीं मानें, जंग का रुख बदलने के लिए जेलेंस्की के मंत्री ने की थी मांग
रूस से लड़ने के लिए अमेरिका अपने F'6 फाइटर जेट्स यूक्रेन को नहीं देगा। सोमवार यानी 30 जनवरी को एक प्रेस कांफ्रेंस में बाइडेन ने यूक्रेन की मांग को खारिज कर दिया है। एक रिपोर्टर ने बाइडेन से पूछा था कि क्या वो यूक्रेन को F'6 जेट्स देंगे, जिसके जवाब में उन्होंने सीधे ना कह दिया। बाइडेन से पहले जर्मनी ने भी अपने फाइटर जेट्स यूक्रेन भेजने से साफ इनकार कर दिया था। यूक्रेन को इस फैसले से काफी निराशा हो सकती है। दरअसल पिछले हफ्ते लेपर्ड टैंक मिलने के बाद यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्टर ने फाइटर जेट्स की मांग की थी। उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ मिलकर एक फाइटर जेट गठबंधन बनाने को कहा था, ताकि जंग का रुख बदला जा सके।
सोवियत इरा के फाइटर जेट इस्तेमाल कर रहा यूक्रेन
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक F'6 फाल्कन को दुनिया के भरोसेमंद फाइटर जेट्स में से एक माना जाता है। अमेरिका के अलावा बेल्जियम और पाकिस्तान भी इनका काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार अगर यूक्रेन को ये फाइटर जेट्स मिलते तो यकीनन उन्हें जंग में फायदा होता। दरअसल यूक्रेन अभी भी लगभग 30 साल पुराने सोवियत इरा के दौरान बने फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर रहा है, जो जंग में ज्यादा कारगर साबित नहीं हो पाए हैं।
जर्मनी के चांसलर ने फाइटर जेट्स की मांग को गलत कहा
रविवार, 29 जनवरी को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि टैंक्स की मांग स्वीकार होने के तुरंत बाद यूक्रेन का फाइटर जेट्स मांगना गलत है।उन्होंने कहा रूस से जंग सिर्फ यूक्रेन लड़ रहा है नाटो नहीं, हम हथियार भेजकर युद्ध के दायरे को और नहीं बढ़ा सकते हैं। यूक्रेन को काफी भरोसा था कि उन्हें फाइटर प्लेन मिल जाएंगे। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले हफ्ते डिफेंस मिनिस्टर के एडवाइजर ने यह तक कह दिया था कि वो परमाणु छोड़कर अमेरिका और पश्चिमी देशों से कोई भी हथियार हासिल कर सकते हैं।
रूस ने दी थी हथियार नहीं भेजने की चेतावनी
यूक्रेन को लेपर्ड और अब्राम टैंक देने की घोषणा के बाद रूस ने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर प्रॉक्सी वॉर के आरोप लगाए थे। जर्मनी में रूस के राजदूत सर्गेई नेशायेव ने कहा था कि यूक्रेन को टैंक भेजकर युद्द को स्तर बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। रूस इसे कभी मंजूर नहीं करेगा। यूक्रेन को टैंक भेजने वाले देशों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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