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रियल्टी क्षेत्र की धारणा कमजोर हुई, पर सकारात्मक दायरे में कायम

नई दिल्लीः भू-राजनीतिक चिंता तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था के कमजोर परिदृश्य के बीच चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र का धारणा सूचकांक नीचे आ गया है। हालांकि, यह अब भी सकारात्मक दायरे में बना हुआ है। नाइट फ्रैंक और नारेडको ने यह जानकारी दी है। रियल एस्टेट क्षेत्र के भविष्य के धारणा सूचकांक में मामूली सुधार हुआ है। यह सूचकांक अगले छह महीने के परिदृश्य के बारे में बताता है।

रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक और रियल एस्टेट कंपनियों के निकाय नारेडको ने अपनी ‘रियल एस्टेट धारणा सूचकांक तिमाही चार-2022 (अक्टूबर-दिसंबर-2022) रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा धारणा स्कोर तीसरी तिमाही के 61 से घटकर चौथी तिमाही में 59 पर आ गया है। यह धारणा सूचकांक आपूर्ति पक्ष के हितधारकों मसलन डेवलपर्स, निवेशक और वित्तीय संस्थानों के सर्वे पर आधारित है। 50 से ऊपर का स्कोर का मतलब सकारात्मक धारणा से है। जबकि 50 से कम का स्कोर नकारात्मक धारणा को दर्शाता है। 

सलाहकार कंपनी ने कहा कि धारणा में नरमी मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य तथा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव की वजह से आई है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट उद्योग के निरंतर जुझारू क्षमता दिखाने से ‘भविष्य का धारणा स्कोर' 2022 की तीसरी तिमाही के 57 से बढ़कर चौथी तिमाही में 58 हो गया है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति की अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति और मजबूत घरेलू मांग से भारत एक अनिश्चित वैश्विक माहौल में बेहतर प्रदर्शन करने वाला देश रहा है।'' 

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