बिलासपुर नगर निगम तैयार है

बरसता के पानी की निकासी का रास्ता बनाया जा रहा है
नहरों और नालियों में फसने वाले कचरे को तुरंत निकाला जा रहा है
किसी भी आपात कालीन स्थिति से निपटने के लिए निगम सचेत है
तेज बारिश ने बढ़ाई परेशानी
पूरब टाइम्स बिलासपुर. कल से शहर समेत पूरे संभाग में तेज बारिश हो रही है,जिससे शहर के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना बनी हुई है। हालात का जायजा लेने महापौर रामशरण यादव,सभापति शेख नजीरूद्दीन और निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी लगातार मुआयना कर रहें हैं। महापौर,सभापति,कमिश्नर समेत पूरा अमला मैदान में जुटा है और जल भराव से निपटने निगम का प्रयास जारी है बरसात के पानी को निकालने मोटर पंप और जेटिंग मशीन का भी उपयोग किया जा रहा है
पूरे शहर में हालात से निपटने जोन कमिश्नर और इंजीनियरों को निर्देश
.निगम द्वारा बारिश को देखते हुए शहर के सभी हिस्सों में खासकर ऐसे मोहल्ले जो भौगोलिक रूप से नीचे है,वहाँ निगरानी की जा रही है इसके साथ ही संबंधित जोन कमिश्नरों और इंजीनियरों को फील्ड पर ही रहने के निर्देश दिए गए है ताकी जल भराव की आपात स्थिति से निपटा जा सकें,इसके लिए सभी की ड्यूटी भी लगाई गई है। तेज बारिश होने पर सभी जोन कमिश्नरों और इंजीनियरों को निरीक्षण करने भेजा गया था और जिन क्षेत्रों में समस्या थी वहाँ त्वरित निराकरण के लिए टीम तैनात की गई।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष देगा 24 घंटे सेवाएं उपस्थित रहेंगे अधिकारी, कर्मचारी
.नगर निगम द्वारा बाढ़ नियंत्रण कक्ष विकास भवन में स्थापित किया गया है। बरसात में शहर में जल निकासी की समस्या तथा अरपा नदी में संभावित जल स्तर के बढ़ने से उत्पन्न होने वाली समस्या से निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। जिसमें 24 घंटे सेवा देने तीन पालियों में अधिकारी,इंजीनियर एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। आपात स्थिति के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर07752 471224 जारी किया गया है,इसके अलावा इसके नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियंता नीलोत्पल तिवारी मो.9131548670 तथा सहायक नोडल अधिकारी क्रांतिकुमार मो.8319993167, अनुपम तिवारी मो.9993596615 नियुक्त किए गए है। इसके अलावा आपात स्थिति में प्रभावित लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से रखने के लिए सामुदायिक,शासकीय तथा निजी भवनों को चिन्हित किया गया है,जिसके अलग से नोडल आफिसर भी बनाएं गए है। इसके अलावा सभी जोन कमिश्नरों को अपने जोन क्षेत्र में गड्ढा होने पर तत्काल मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए है। जर्जर भवनों को चिन्हांकित कर कार्यवाही के लिए भी इंजीनियरों को दायित्व सौंपे गए है।
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