आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी के पहल से सैकड़ों बच्चों के चेहरे पर लौटी मुस्कान:
पूरब टाइम्स दुर्ग। नगर पालिक निगम आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी ने आज अचानक विश्वदीप स्कूल में दी दबिश,स्कूल के बच्चों को गेट से बाहर निकालकर गेट में ताला लगा दिया गया।आयुक्त बाहर खड़े बच्चो को देखकर नाराज हुए।तत्काल उन्होंने स्कूल प्रबंधन से मुलाकात कर स्कूल प्रबंधन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चों के साथ इस तरह के बर्ताव अच्छी बात नही है उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए शख्त निर्देश दिया किसी भी कीमत पर बच्चे परीक्षा से वंचित न हों। उन्होंने तत्काल बच्चो को परीक्षा हॉल में भेजने प्रबंधक को कहा।आयुक्त ने कहा कि इस तरह का बच्चो के साथ व्यवहार बर्दास्त नही की जाएगी।आयुक्त ने मौजूद बच्चो के पलको से चर्चा की लोगो ने बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस के मामले में पलकों से संपर्क कर समस्या को हल करने की बात प्रबन्धन से कहा।
इस दौरान ये सुनकर बच्चो व उनके पालको के चहरे पर मुश्कान सी आ गई।बच्चो को पता चला कि वे परीक्षा में शामिल हो सकते है तो बच्चे गदगद हो गए।पालको व बच्चों ने आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी को ह्दय से धन्यवाद दिया।इस मौके पर बच्चो के पालक ने कहा कि आज एक ऐसा अधिकारी आये है जो शहर के साथ साथ बच्चों के प्रति उनके भविष्य के लिए अपनी कीमती समय निकालकर स्कूल प्रबंधन से बात किये। पालको ने बताया कि शहर के कई बड़े लोगो से बात किया पर किसी ने समस्या का निराकरण नही किया।विश्वदीप स्कूल प्रबंधकों द्वारा मार्ग पर बाउंड्री वॉल खींचकर गेट लगा दिया गया था और ताला बंद कर आम रास्ते को रोक दिया गया था जिस पर भी कार्यवाही की।
आज से बच्चों के एग्जाम शुरू हुए कई बच्चों के बालकों ने आर्थिक स्थिति के कारण समय पर फीस का भुगतान नहीं किया और जल्दी भुगतान करने की बात स्कूल प्रबंधन से कही। इसके बावजूद भी शहर के सबसे पुराने स्कूल विश्वदीप स्कूल के संचालकों ने बच्चों को परीक्षा हॉल से बाहर निकालकर मैदान में धूप में खड़ा कर दिया और बालकों को बुलाने के लिए कहा बच्चे उदास होकर अपने पालकों की तरफ देख रहे थे, सभी बच्चे दुखी थे कि हम परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं। उदास बच्चे धूप में खड़े थे। जिसकी जानकारी किसी से आयुक्त आईएएस लक्ष्मण तिवारी को प्राप्त हुई जानकारी मिलते ही
आयुक्त आईएएस तत्काल विश्वदीप स्कूल पहुँचकर सीधे स्कूल प्रबंधन से मुलाकत कर कड़े शब्दों में बच्चों के साथ इस तरह के बर्ताव पर नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को सख्त निर्देश दिया कि किसी भी कीमत पर बच्चों के परीक्षा ना छूटे और तुरंत बच्चों को परीक्षा हॉल में भेजा जावे।
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