मुद्रास्फीति के दबावों के माहौल में पहुंच से बाहर क्यों है घर खरीदने का सपना
.jpg)
भारत में घर खरीदना हर आम आदमी का सपना होता है। लेकिन इस साल उसकी पहुंच से यह सपना दूर होता दिख रहा है। कारण कि हम बढ़ते ब्याज दरों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से आई मुद्रास्फीति के दबावों के माहौल में आगे बढ़ रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है- भारतीय रिजर्व बैंक का लगातार रेपो दरों में बदलाव करना। इससे बैंकों से मिलने वाला आवास ऋण महंगा हो रहा है और कोविड काल के बाद बाजार के तेजी पकड़ने से प्रॉपर्टीज भी महंगी हुई हैं। दूसरी तरफ घटती आमदनी की वजह से भी ‘अपना घर’ लोगों की पहुंच से बाहर हो गया है।
निर्माण लागत ज्यादा
इस संबंध में हाल ही में प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कंपनी जोन्स लैंग लासेल (जेएलएल), इंडिया ने होम पर्चेज अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स पेश किया। इंडेक्स में इस बात की पड़ताल की गई है कि आम परिवार की आमदनी (औसत वार्षिक आय) मौजूदा बाजार मूल्य पर आवासीय संपत्ति खरीदने के लायक है या नहीं? यानी उसके लिए घर खरीदना किफायती है या नहीं। सर्वे के मुताबिक 2022 में लोगों की घर खरीदने की क्षमता में थोड़ी कमी आई है, क्योंकि घर निर्माण सामग्री में महंगाई की वजह से निर्माण लागत बढ़ी है। इससे खरीदारी प्रभावित हुई है।
Add Rating and Comment