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11 साल बाद ऐसी हार हमारे टॉप-3 बल्लेबाजों ने फिफ्टी जमाई फिर भी हारे

न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज जीतकर सातवें आसमान पर मौजूद टीम इंडिया शुक्रवार को पहले वनडे में हार के बाद वापस जमीन पर आ गई है। हार कभी भी मिले, किसी से भी मिले दुखदाई होती लेकिन इस मैच में कुछ ऐसे रिकॉर्ड बन गए जिनसे हम इंडियन फैंस की मायूसी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इस स्टोरी में ऐसे ही पांच दुखदाई रिकॉर्ड्स का जिक्र करेंगे। हल्के-फुल्के अंदाज में ताकि हमारा गम कुछ हद तक गलत हो सके...

शुरुआत करते हैं उस रिकॉर्ड से जो 47 साल में पहली बार बना
न्यूजीलैंड की टीम ICC टूर्नामेंट में हमें बहुत परेशान करती है। कभी सेमीफाइनल में तो कभी फाइनल में हमारी टीम इंडिया न्यूजीलैंड से हार जाती है। हालांकि, हमारे पास दिलासा देने लायक एक फैक्ट था। वह यह कि बायलैट्रल सीरीज में जिसने कठिन हिंदी में द्विपक्षीय सीरीज भी कहते हैं हमारी टीम कीवियों को आराम से हराती थी। टी-20 में यह दिलासा तो अब भी कायम है, लेकिन वनडे में उम्मीद की आखिरी डोर भी हाथ से छूटती जा रही है। शुक्रवार को मिली हार न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में हमारी लगातार पांचवीं हार है। इसमें से सिर्फ 1 वर्ल्ड कप की हार है। बाकी चार द्विपक्षीय सीरीज की हैं।

हम 47 साल से न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे खेल रहे हैं और तब से अब तक पहली बार ऐसा हुआ जब उसने हमें लगातार पांच मैचों में हरा दिया। ये पांच मैच कब और कहां हुए अगली तस्वीर में देख सकते हैं। इसके बाद बात करेंगे उस साझेदारी की जिसने हमारे हाथ से जीता हुआ मैच छीन लिया।

इतनी बड़ी पार्टनरशिप इन्होंने पहले कभी नहीं की थी
हमारी टीम ने 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 307 रन बनाए। इसके बाद न्यूजीलैंड के तीन विकेट 88 रन पर निकाल दिए। लगा कि मैच तो जेब में आ गया। लेकिन, इसके बाद बेहद शांत, प्यारे और गुड ब्वॉय टाइप लगने वाले कीवी कप्तान केन विलियमसन ने खुद से भी भोले दिखने वाले टॉम लैथम के साथ ऐसी पार्टनरशिप कर दी कि हम हक्के-बक्के रह गए। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए बिना आउट हुए 221 रन की पार्टनरशिप कर दी। हम, आप या कोई भी फैन जब से भारत-न्यूजीलैंड वनडे देख रहा है उसने पहली बार किसी किवी जोड़ी की ओर से अपने खिलाफ इतनी बड़़ी साझेदारी देखी है। पिछला रिकॉर्ड 200 रन का था। इसी लैथम ने रॉस टेलर ने 2017 में वानखेड़े में यह इतने रन जोड़े थे।

लैथम ने जले पर नमक भी छिड़का
टॉम लैथम ने इस पारी में 145 रन कूट दिए। सिर्फ 104 गेंद पर। यह वनडे क्रिकेट में किसी न्यूजीलैंडर का भारत के खिलाफ सबसे बड़ा इंडिविजुअल स्कोर है। 23 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है बंदे ने। पिछला रिकॉर्ड नाथन एस्टल के नाम था। उन्होंने 1999 में हमारे खिलाफ राजकोट वनडे में 120 रन बनाए थे।

200+ की पार्टनशिप में एक बंदे ने इतना कंट्रीब्यूट कभी नहीं किया था
पार्टनरशिप क्रिकेट की हो या लाइफ की उम्मीद होती है कि दोनों पार्टनर बराबरी का कंट्रीब्यूशन देंगे। लेकिन, लैथम इस मैच में ऐसे उतरा कि सारा काम वही कर देगा। विलियमसन के साथ 221 रन की साझेदारी में उसने अकेले 145 रन बना दिए। पार्टनरशिप के 65.6% रन। यह 200 रन या इससे अधिक की साझेदारी में सबसे बड़े कंट्रीब्यूशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

पिछला रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर के नाम था। वार्नर ने 2015 में अफगानिस्तान के खिलाफ स्टीव स्मिथ के साथ 270 रन की पार्टनरशिप में 170 रन बनाए थे। यानी 65.4% रन। वार्नर और स्मिथ को निपटाना तो हमारे गेंदबाजों ने सीख लिया है, ये लैथम और विलियमसन को आउट करना कब सीखेंगे? बहरहाल अब उस रिकॉर्ड का जिक्र करते हैं जो आपने हेडलाइन में पढ़ा था।

काम न आई धवन, गिल और अय्यर की फिफ्टी
हमारे टॉप-3 बल्लेबाजों ने इस मैच में फिफ्टी जमाई। इसके बावजूद हम हार गए। 11 साल बाद ऐसा हुआ है जब वनडे में हमारे 1, 2 और 3 ने 50 का आंकड़ा पार किया भी अपनी टीम हार गई। आखिरी बार 2011 में राजकोट में ऐसा हुआ था। वर्ल्ड कप मैच था साउथ अफ्रीका के खिलाफ। तब वीरेंद्र सहवाग (73 रन), सचिन तेंदुलकर (111 रन) और गौतम गंभीर (69 रन) ने फिफ्टी से ज्यादा रन बनाए थे फिर भी टीम हार गई थी। अब तक ऐसा 6 बार हो चुका है जब भारत के टॉप-3 बल्लेबाजों ने वनडे में फिफ्टी प्लस का स्कोर किया भी हम हारे।

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