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छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया को नयी राह दिखा सकता है : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

गौठान, रीपा और गोधन न्याय योजना से बदल सकती है तस्वीर, अन्य राज्यों से नहीं आना चाहिए धान, कड़े कदम उठाएं

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों को संबोधित किया

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने दो दिनों तक कलेक्टर कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान पहले दिन जिला कलेक्टकों और पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की। जहां जिला स्तर पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य को पूरा करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा हुई। वहीं पुलिस अधीक्षकों से कानून-व्यवस्था के साथ ही अपराध नियंत्रण पर चर्चा की गई। दूसरे दिन जिला कलेक्टरों के साथ ही संभाग व राज्य स्तर के अधिकारियों से कार्ययोजना पर बातचीत करते हुए योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पौने चार साल में छत्तीसगढ़ आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, जबकि आज दुनिया में मंदी का असर है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया को नयी राह दिखा सकता है। तस्वीर बदलने में गौठान, रीपा, गोधन न्याय योजना का महत्वपूर्ण योगदान होगा। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव  सुब्रत साहू व श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, पीसीसीएफ संजय शुक्ला, विभागीय सचिव समेत सभी संभागायुक्त, जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगर निगमों के आयुक्त उपस्थित रहे। 

कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि, राज्य में बीते पौने चार साल के दौरान अनेक नवाचार हुए हैं, जिससे हर वर्ग को लाभ मिला है। राज्य की जनता के बीच शासन-प्रशासन को लेकर विश्वास बढ़ा है। राज्य सरकार के प्रति और प्रशासनिक अमले को लेकर लोगों की धारणा में सकारात्मक बदलाव आया है। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की अवधारणा को योजनाओं के जरिये लागू किया जा रहा है। हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रयास किए हैं। गांव, गरीब, किसान, मजदूर, महिला समेत हर वंचित वर्ग को संबल बनाने का काम विगत पौने चार साल के भीतर हुआ है। कोरोना के संकट काल में जब सभी जगह काम बंद थे, लोगों के हाथों में काम नहीं था, तब भी मजदूर वर्ग के लिए आय के स्त्रोत बनाए रखने के लिए हमने मनरेगा का काम जारी रखा। आज भी पूरी दुनिया में मंदी का असर है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं हुआ। आज छत्तीसगढ़ उस भूमिका में है कि यह पूरी दुनिया को एक नयी राह दिखा सकता है। इसमें गौठान, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और गोधन न्याय योजना महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। 

अन्य राज्यों से धान की आवक नहीं होनी चाहिए : 
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों  को निर्देशित करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ में आगामी एक नवम्बर से समर्थन मूल्य धान खरीदी शुरू हो जाएगी। ऐसे में अन्य राज्यों से धान की आवक न हो। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को धान पर आदान सहायता प्रदान की जाती है, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके। 

गौठान के रख-रखाव पर दें विशेष ध्यान : 
मुख्यमंत्री ने गौठान के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने धान की कटाई के बाद गौठानों में पैरादान के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने इसके पीछे अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति की बात कही। उन्होंने कहा कि, पैरादान करने से मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की उपलब्धता होगी। वहीं पराली के रूप में पैरा जलाने से होने वाले प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा। इसके अलावा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) को लेकर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, रीपा का निर्माण गुणवत्तापूर्ण ढंग से होना चाहिए। रीपा निर्माण के लिए तय बिंदुओं का पालन हो। अधोसंचरना के साथ अन्य सुविधाओं व संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। 

स्वामी आत्मानंद स्कूलों में प्रवेश व भर्ती में पारदर्शिता रहे : 
मुख्यमंत्री ने वंचित वर्ग के बच्चों को भी बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना में प्रवेश व भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता का पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि, विद्यार्थियों के दाखिले और शिक्षकों की भर्ती में किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। लॉटरी सिस्टम का सख्ती से पालन करें। स्वामी आत्मानंद स्कूलों समेत प्रदेशभर के शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता स्तर को बनाए रखें। 

समय-सीमा में हो काम, मिले राहत :
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शासकीय कार्यालय में लंबित रहने वाले प्रकरणों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी तरह के शासकीय कार्यालयों में जनता के काम समय-सीमा में पूरे किए जाएं। जाति प्रमाण-पत्र समय पर बनाना सुनिश्चित करें। कर्मचारियों के समय पर ना पहुंचने की शिकायत पर संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को इसका निरीक्षण करने और सख्ती बरतने के निर्देश दिए। सबसे ज्यादा शिकायत थाने स्तर पर, जनपद पंचायत, पटवारी और सीएसईबी में मैदानी अमले के कर्मचारियों की मिल रही हैं, इन पर नियंत्रण कर कड़ी कार्रवाई करें ताकि आम जनता के काम समय पर पूर्ण हों। 

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