• 03-10-2023 08:42:43
  • Web Hits

Poorab Times

Menu

दुनिया/viral

अमेरिकी सीनेटर ने 1984 के सिख दंगों को बताया भारत का 'काला अध्‍याय'

बोले- तीस हजार लोगों को जानबूझकर बनाया गया निशाना

वाशिंगटन: एक अमेरिकी सीनेटर ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को आधुनिक भारतीय इतिहास के ‘‘सबसे काले’’ वर्षों में से एक बताते हुए सिखों पर किए गए अत्याचारों को याद रखने की जरूरत रेखांकित की है ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके।भारत में 31 अक्टूबर, 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में पूरे भारत में 3,000 से अधिक सिखों की जान चली गई थी।

दुनिया ने देखी हिंसा
सीनेटर पैट टूमी ने सीनेट में अपने भाषण में कहा, 'साल 1984 आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे काले वर्षों में से एक है। दुनिया ने देखा कि भारत में जातीय समूहों के बीच कई हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें से कई में खास तौर पर सिख समुदाय को निशाना बनाया गया।' उन्होंने कहा, ‘आज हम यहां उस त्रासदी को याद कर रहे हैं जो भारत में पंजाब प्रांत और केंद्र सरकार में सिखों के बीच दशकों के जातीय तनाव के बाद एक नवंबर 1984 को हुई थी।’


पेन्सिल्वेनिया के सीनेटर ने कहा कि अक्सर ऐसे मामलों में, आधिकारिक अनुमान पूरी कहानी संभवत: नहीं बताते, लेकिन अनुमान है कि पूरे भारत में 30,000 से अधिक सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को भीड़ ने जानबूझकर निशाना बनाया, बलात्कार किया, वध किया और विस्थापन के लिए विवश किया। उन्होंने कहा ‘भविष्य में मानवाधिकारों का हनन रोकने के लिए, हमें उनके पिछले रूपों को पहचानना होगा। हमें सिखों के खिलाफ हुए अत्याचारों को याद रखना चाहिए ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके और दुनिया भर में सिख समुदाय या अन्य समुदायों के खिलाफ इस तरह की त्रासदी की पुनरावृत्ति न हो।’

Add Rating and Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment
CAPTCHA

Your Comments

Side link

Contact Us


Email:

Phone No.