निजता का अधिकार जिंदगी के साथ ही नहीं, जिंदगी के बाद भी है
कोलकाता हाई कोर्ट का अहम फैसला

कोलकाता: कोलकाता हाईकोर्ट ने राइट टू प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाया कि निजता का अधिकार किसी व्यक्ति की मृत्यु के साथ समाप्त नहीं होता है। आरटीआई अधिनियम के तहत निजी चैट और मृत व्यक्ति की तस्वीरों का खुलासा नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह रशिका जैन की ओर से उसकी मौत से पहले उसके दोस्त के साथ शेयर किए गए व्हाट्सएप मैसेजों और तस्वीरों को आरटीआई अधिनियम के तहत 'निजी जानकारी' के रूप में मानें।
दरअसल राशिका ने 2020 में शादी की, लेकिन एक साल बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई। उसके माता-पिता और ससुराल वालों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जांच रिपोर्ट में पुलिस ने शादी से पहले राशिका और उसके दोस्त के बीच व्हाट्सएप चैट का जिक्र किया। उसके ससुराल वालों ने बातचीत का ब्योरा मांगते हुए एक आरटीआई आवेदन दायर किया। आरटीआई अधिनियम के तहत पुलिस ने 2022 में इस जानकारी का खुलासा किया। इसके बाद राशिका के माता-पिता ने हाईकोर्ट का रुख किया।
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