डांडिया, गरबा के लिए लाउडस्पीकर, डीजे बजाने की जरूरत नहीं, दूसरों को डिस्टर्ब किये बिना भी नवरात्रि मनाई जा सकती है- बॉम्बे हाईकोर्ट
मुंबई:बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि डांडिया, गरबा के लिए लाउडस्पीकर, डीजे बजाने की जरूरत नहीं है। दूसरों को डिस्टर्ब किए बिना नवरात्रि मनाई जानी चाहिए। न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति गोविंद सनप की खंडपीठ ने कहा कि नौ दिनों के उत्सव के दौरान देवी की पूजा नहीं की जा सकती है यदि भक्त को परेशानी होती है या भक्त स्वयं दूसरों को परेशान करता है। पीठ ने कहा कि डांडिया और गरबा एक धार्मिक उत्सव का आंतरिक हिस्सा होने के कारण अभी भी विशुद्ध रूप से पारंपरिक और धार्मिक तरीके से किया जा सकता है जिसमें लाउडस्पीकर, डीजे ध्वनि और इसी तरह के आधुनिक उपकरण ना हों।
न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के तहत एक खेल के मैदान पर चल रहे नवरात्रि उत्सव के लिए साउंड सिस्टम के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसे साइलेंस जोन घोषित किया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में नवरात्रि के दौरान पूजा का महत्व समझाया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'नौ रातों तक जो पूजा की जाती है वह शक्ति का एक रूप है। शक्ति की देवी की पूजा तभी प्रभावी होती है जब वह बिना किसी हिचकिचाहट के, बिना किसी हिचकिचाहट के हमारे आस-पास के वातावरण से आने वाले मन की अशांति के बिना की जाती है। जिससे दूसरों को कोई परेशानी हो।'
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