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रात 2 बजे भी काजीरंगा में घूम सकते हैं’, शिकायत के बाद बोले असम मुख्यमंत्री

असम.काजीरंगा वॉर्डन ने कहा कि सदगुरू को हमने आमंत्रित किया था तो यह कहना गलत है कि सद्गुरु और हमारे सीएम ने पार्क में प्रवेश किया और देर रात सफारी का आनंद लिया. सारे इंतजाम हो गए थे और अंधेरा होने के कारण हम इसे वापस नहीं ले सकते थे.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा और सद्गुरु समेत अन्य लोगों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन करने के सिलसिले में रविवार को पुलिस में शिकायत की गई. इन पर आरोप है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित गांवों के निवासियों ने पिछले दिन अंधेरे में जीप सफारी करते हुए देखा गया था. इसके बाद गोलाघाट जिले के बोकाखाट थाने में शिकायत दर्ज करवाई गयी है. इस मामले में सीएम हिमंत बिस्वा ने कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं है.

रात के समय जीप सफारी करने के आरोप पर सीएम हिमंत बिसवा सरमा ने कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं है कि लोग रात में नहीं जा सकते. लोग पार्क में प्रवेश कर सकते हैं. यहां तक ​​कि रात के दो बजे भी अगर वन्यजीव वार्डन अनुमति देते हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोलाघाट जिले के बोकाखाट थाने में राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित गांवों के निवासियों ने पिछले दिन अंधेरे में जीप सफारी करने पर एक शिकायत दर्ज करवाई है.

काजीरंगा को बदनाम करने की कोशिश
असम वन्य जीव वॉर्डन एमके यादव ने कहा कि इसके पीछे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को बदनाम करने के लिए एक छिपा हुआ एजेंडा है. ये बयान देने वाले लोग वास्तविक तथ्यों से अवगत नहीं हैं और उन्होंने तथ्यों को जानने की कोशिश भी नहीं की है. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने मामले की जांच शुरू कर दी है. चूंकि केएनपी वन विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए हमने उद्यान के संभागीय वन अधिकारी से आरोप की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है.’

शिकायत का अधिकार, जांच होगी
उन्होंने कहा, ‘लोगों को आरोप लगाने का अधिकार है और इसी आधार पर जांच की जाएगी.’ शाम के बाद जीप सफारी के आरोप का जिक्र करते हुए अधिकारी ने कहा, ‘यह एक आधिकारिक कार्यक्रम था और कभी-कभी, इस तरह के आयोजन थोड़ी देर से चलते हैं. ऐसे में, मुझे नहीं लगता कि हम इसे कानून का उल्लंघन कह सकते हैं.’ उद्यान के पास मोरोंगियाल और बलिजन गांवों के निवासी सोनेश्वर नारा और प्रबीन पेगू ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि शाम के बाद हेडलाइट्स के साथ जीप सफारी करना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन है. उन्होंने सद्गुरु जगदीश ‘जग्गी’ वासुदेव, शर्मा, राज्य के पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ और अन्य की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है, जो जीप सफारी का हिस्सा थे.

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