सब्जी पिछले साल से 15% महंगी,कम आवक का लाभ उठा रहे फुटकर विक्रेता

जिले में हरी सब्जियों के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। टमाटर हर अगले दिन पहले से और लाल हो जा रहा है। बैगन, भिंडी, बरबट्टी, गोभी आम आदमी की थाली से बाहर हो गए हैं। लाल भाजी और पालक का तो कोई हिसाब ही नहीं रहा है। पिछले साल इसी सीजन की तुलना में सब्जियां इस पर 10 से 15 प्रतिशत महंगी है। सितंबर से ही इस बार हरी सब्जियों के दाम में इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई है,
अच्छी बात यह है कि कुछ दिन और फिर लोगों महंगाई से राहत मिल जाएगी। किसानों और आढ़तियों की मानें तो पखवाड़ेभर के भीतर स्थानीय बाड़ियों से सब्जियों की आवक शुरू हो जाएगी। इसके साथ बाहर से आने वाली सब्जियों की भी खेप बढ़ जाएगी। मांग के अनुरुप आवक होने से दाम गिरेंगे। बारिश से भी दाम कम होने के आसार है।
अक्टूबर से सब्जियों की दाम घटने शुरू हो जाएंगे
सब्जी व्यापारियों के अनुसार अक्टूबर से हर सब्जी के दाम घटने शुरू हो जाएंगे। 15 अक्टूबर से ही विंटर सीजन की सब्जियां आनी शुरू हो जाएंगी। बारिश बंद होते ही दूसरे प्रदेशों से बंद हुई सब्जियों की आवक रेगुलर हो जाएगी। मांग के समानांतर आपूर्ति होते ही दाम सामान्य हो जाएंगे।
रेट कम मिला तो किसानों ने सब्जियां नहीं उगाई
सब्जियों की खेती एक तो मई और दूसरी जून में की जाती है। मई की सब्जियां 45 दिन बाद 15 जून से बाजार में आने लगती है। जून की सब्जियों की आवक अगस्त से शुरू होती है। मई की सब्जियों के रेट कम मिलने के कारण अधिकतर किसानों ने जून में सब्जियां नहीं लगाई। उत्पादन सीमित होने से आवक कम हो गई है।
नियमित बारिश से फसल नहीं बचा पाए छोटे किसान
हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के अनुसार जिले में सब्जियों की खेती करने वाले अधिकतर किसान छोटे कास्तकार है। जुलाई व अगस्त में रेगुलर बारिश से सभी अपनी फसल को बचा नहीं पाए हैं। जुलाई, अगस्त और सितंबर में लगातार बारिश के कारण 9907 हेक्टेयर में 248 की 316.38 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है।
किसानों से आढ़तियों द्वारा की जाने वाली खरीदारी के रेट में हर सब्जी पर पिछले और इस साल के रेट में अधिकतम 2 से 5 रुपए का ही अंतर आया है, लेकिन फुटकर विक्रेताओं से होते हुए आम आदमी तक पहुंचने में यह 60 से 100 फीसदी तक प्रति किलो तक महंगी हो गई है। कम आवक का लाभ उठाते हुए फुटकर विक्रेता मनमानी कीमत वसूल रहे हैं।
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