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28 साल बाद आई बाढ़ से दुर्ग शहर पानी-पानी

दुर्ग। दुर्ग के शिवनाथ नदी में आई बाढ़ का पानी का पुलगांव, महेश कालोनी, गंजपारा, भारती कालेज तक पहुंच गया है। वर्ष 1994 में भी ऐसी बाढ़ शहर में देखने को मिली थी जब शिवनाथ का पानी गंजपारा नदी रोड और पोटिया क्षेत्र में घुस गया था।

शिवनाथ नदी स्थित महमरा एनीकट के ऊपर 15.50 फीट और पुलगांव के पुराने पुल के ऊपर पांच फीट पानी बह रहा है। पुराने पुल के निकट बनाए गए नए ओवरब्रिज पर भी लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया।

नदी के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पोटिया और गंजपारा मार्ग पर बैरीकेडिंग कर जवानों की तैनाती कर दी है। बाढ़ का नजारा देखने देर शाम पोटिया मार्ग पर लोगों को भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस प्रशासन द्वारा शहर के भीतर कुछ स्थानों पर ट्रैफिक को भी डायवर्ट कर दिया गया।

दोपहर बाद घुसने लगा पानी

शिवनाथ में आई बाढ़ का पानी मंगलवार दोपहर बाद शहर के भीतर घुसने लगा। बाढ़ की वजह से पुलगांव बस्ती,महेश कालोनी,कपड़ा मार्केट,भारती कालेज,गंजपारा स्थित नदी रोड में पानी ही पानी नजर आने लगा। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने गंजपारा और पोटिया स्थित भारती कालेज से पुलगांव चौक की ओर आम लोगों का आवागमन अवरुद्ध कर दिया।

नदी में मोंगरा बैराज से12200 क्यूसेक,तांदुला व खरखरा जलाशय से 12 हजार व नौ हजार क्यूसेक तथा खपरी जलाशय से 550 क्यूसेक पानी अभी भी आ रहा है। ग्रामीण अंचलों में स्थित उरला बेलौदी सहित कई पुल-पुलियों पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इस कारण लोगों को आवागमन में भी दिक्कत हो रही है। नदी रोड पर बनाए गए डिवाइडर को भी तोड़ा गया ताकि बाढ़ का पानी बहकर निकल सके।

बह गया सिलिंडर और राशन का सामान

पुलगांव स्थित शिवनाथ पुल के निकट रहने वाले चंदू यादव,हेमत यादव,कृष्णा यादव,श्याम ढीमर ने बताया कि रात करीब 12 बजे के आसपास पानी लोगों के घरों में घुसने लगा। जलभराव की स्थिति को देखते हुए 17 परिवार के करीब 80 लोग घर छोड़कर बाहर निकल गए। श्याम ढीमर ने बताया कि बाढ़ के पानी में किसी का गैस सिलिंडर बह गया तो घर में रखे चावल, दाल सहित राशन का अन्य सामान भी बह गया।

प्रभावित लोग रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक वृंदावन रेस्टारेंट के सामने खड़े रहे। इसकी जानकारी मिलने पर दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने वृदांवन में इनके ठहरने के साथ ही भोजन की व्यवस्था भी कराई। विधायक ने बताया कि प्रभावितों के संबंध में जानकारी देने कलेक्टर को फोन लगाया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे भी लोगों को फोन नहीं उठा रहे थे।

देर शाम प्रशासन ने इन प्रभावितों की सुध ली और पुलगांव स्थित सांस्कृतिक भवन मे इन्हें ठहराया।रूदा,खाड़ा,आलबरस, डांडेसरा, पीसेगांव, चंगोरी, भरदा, नगपुरा, कोटनी, सहगांव, पथरिया, अंजोरा ढाबा सहित अन्य गांवों में सैकड़ों में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है। इसके अलावा ग्रामीण अंचलों में कहीं-कहीं कच्चा मकान भी गिर गया।

एसडीआरएफ की टीम ने आलबरस व कोनारी में बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के साथ ही ग्राम भोथली में दवाई भी पहुंचाई।

 

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